सावन में क्यों हरे कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं महिलाएं?

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है जिसमें हरे रंग का विशेष महत्व है। इस दौरान हरे रंग की चूड़ियां और हरे कपड़े पहनने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन शायद ही किसी को इसकी असल वजह पता होगा। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे सावन महीने का हरे रंग से कनेक्शन।

सावन का महीना (Sawan 2025) शुरू हो चुका है। 11 जुलाई से शुरू हुआ यह महीना हिंदू कैलेंडर का पांचवा महीना माना जाता है। इस दौरान भगवान शिव भी आराधना की जाती है। यह पूरी महीना असल में भगवान शिव को भी समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए सबसे अच्छा समय होता है।

इसलिए लोग सावन के दौरान सोमवार का व्रत उपवास करते हैं और भोलेबाबा को मनाने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा इस महीने में और भी कई सारी चीजों का पालन किया जाता है। इन्हीं में से एक सावन के दिनों में हरे रंग के कपड़े और चूड़ी पहनना भी है। आपने अक्सर देखा होगा कि सावन के दिनों में महिलाएं अक्सर हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े पहनती है, लेकिन क्या आप इसकी वजह जानते हैं। अगर नहीं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे सावन महीने और हरे रंग का कनेक्शन (Green color significance in Sawan)-

सावन महीने का हरे रंग से कनेक्शन
सावन का महीना बरसात का मौसम होता है और इस दौरान बारिश की वजह से हर तरफ हरियाली छाई रहती है। बरसात के दिनों चारों तरफ फैली हरियाली प्रकृति, नवजीवन और उर्वरता को दर्शाती है और इसलिए महिलाएं भी जीवन में भी नई ऊर्जा, प्रेम और समृद्धि की इच्छा से सावन के दिनों में नवजीवन और ऊर्जा के प्रतीक हरे रंग का शृंगार करती हैं।

इसके अलावा हरा रंग भी सुहाग की निशानी मानी जाती है और इसलिए सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए हरी चूड़ियां पहनती हैं।

देवी पार्वती को पसंद है हरा रंग
इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि हरा रंग माता पार्वती की प्रिय रंग है और सावन के महीने में शिव-शंकर के साथ माता पार्वती की खास पूजा की जाती है। ऐसे में हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े पहनकर देवी पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

साथ ही हरे रंग को शुभता, मंगल और शांति का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसे में इस रंग को पहनने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और मन को शांति मिलती है।

रंग में छिपा साइंस
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के अलावा हरे रंग का वैज्ञानिक महत्व भी है। दरअसल, आयुर्वेद और कलर थेरेपी के मुताबिक हरा रंग तनाव कम करता है और दिल को शांत रखने में मदद करता है। साथ ही यह मानसिक संतुलन बनाए रखने में भी मददगार है।

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