सावधान: ये 5 गलतियाँ कंही आपसे छीन ना लें मां बनने का सपना, पढ़ें पूरी खबर…

18 से 30 साल की उम्र आपकी सेहत और फर्टिलिटी के लिहाज से बेहद सेंसिटिव होती है। इस उम्र में की गई छोटी से छोटी गलती भी भविष्य में कई गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इन समस्याओं में हार्ट अटैक, डायबीटीज, हाई ब्लड प्रेशर और इन्फर्टिलिटी की समस्या सबसे अधिक है। मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की आईवीएफ विशेषज्ञ ने बताया कि ज्यादातर लड़कियों में इन्फर्टिलिटी का कारण उनकी कुछ गलत आदतें होती हैं, जिस पर वे युवावस्था में ध्यान नहीं देती हैं।

युवाओं में इन दिनों देर रात तक जागने की आदत उनकी सेहत को कई तरह से प्रभावित कर रही है। देर रात तक जागने के कारण वह सुबह देर तक सोते रहते हैं या आधी-अधूरी नींद लेकर ही अगले दिन के काम पर लग जाते हैं। शरीर को रोजाना 24 घंटे में से कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। इससे कम नींद लेने वाले लोगों की फर्टिलिटी खराब होती है। लड़कियों में नींद की कमी, फर्टिलिटी की समस्या के साथ साथ पीरियड्स की अनियमितता, हॉर्मोनल असंतुलन और मोटापे का कारण बन सकती है।

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युवाओं के खानपान में इन दिनों फास्ट फूड्स, जंक फूड, पैकेटबंद और प्रोसेस्ड फूड का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ शोभा गुप्ता ने बताया कि दरअसल फर्टिलिटी को सबसे ज्यादा प्रभावित खानपान की गलत आदतें ही करती हैं। अगर आप फर्टिलिटी को ठीक रखना चाहती हैं तो फास्ट फूड और जंक फूड को छोड़िए और अपनी डायट में सब्जियों, फलों, अनाज और नैचरल चीजों को शामिल करें, जिनसे आपको जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिल सके। दाल, पनीर, अंडा, नॉनवेज, सोयाबीन, दूध, पनीर, दही, पालक, गुड़, अनार, चना, पोहा, मुरमुरा, फल और हरी पत्तेदार सब्जियां खूब खाएं।

ऐल्कॉहॉल यंग लड़कियों की फर्टिलिटी को बर्बाद कर रहा है। ऐल्कॉहॉल का आपकी सेक्शुअल लाइफ, किडनी और लिवर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। अगर आप ऐल्कॉहॉल की लत को एक बार में छोड़ नहीं सकतीं तो कम से कम इतना जरूर करें कि इसे सीमित मात्रा में लें।

यंग लड़के-लड़कियों में इन दिनों सिगरेट की लत एक आम बात हो गई है। सिगरेट पीने से आपके फेफड़ों और दिल की सेहत पर तो असर पड़ता ही है, मगर इसके कारण लड़कियों के मां बनने की क्षमता भी कमजोर होती है। कम उम्र में सिगरेट पीने की लत के कारण महिलाओं के ओवरीज में बनने वाले अंडों के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण उन्हें बार-बार मिसकैरेज का सामना भी करना पड़ सकता है। जो महिलाएं स्मोकिंग करती हैं उनके अंडाशय को क्षति पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है और कई बार बच्चे में भी विक्रतियां हो सकती हैं।

दुबला-पतला दिखने की चाह 18 से 25 साल की लड़कियों में सबसे ज्यादा है। जेपी व क्लाउड नाइन हॉस्पिटल नोएडा की स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ श्वेता गोस्वामी का कहना है कि ज्यादा जिमिंग और डायटिंग से महिलाओं का मासिक चक्र प्रभावित होता है। यहां तक कि इससे मासिक चक्र पूरी तरह रुक भी सकता है और मां बनने की योग्यता खत्म हो जाती है। ऐसी महिलाओं का इलाज कर भी दिया जाए तो समय से पहले डिलिवरी, बच्चे का वजन कम होना और कुपोषण की आशंका रहती है। रोजाना 1 से 2 घंटे की एक्सर्साइज, जिसमें लाइट एक्सर्साइज और हाई इंटेंसिटी एक्सर्साइज दोनों शामिल है आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

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