साल में कमाता है 1 करोड़, फिर भी ‘गरीबों जैसी जिंदगी’ जीता है शख्स, पैसे बचाने के लिए त्याग दिए सारे शौक!

भारत में अगर कोई साल का 1 करोड़ रुपये कमाए, तो वो राजा की तरह जिंदगी बिता सकता है. महंगा घर खरीद सकता है. बड़े होटलों में खाना खाने जा सकता है, कीमती कार खरीद सकता है. पर लंदन में ऐसा नहीं है. हाल ही में लंदन के रहने वाले एक शख्स ने अपने अनुभव को साझा किया और बताया कि इतनी कमाई करने के बावजूद भी वो खुद को अमीर नहीं मानता, वो जिस तरह की लाइफस्टाइल जीता है, वैसी लाइफस्टाइल अगर 1 करोड़ कमाने वाला भारत में जीने लगे तो लोग उसे गरीबों जैसी जिंदगी बिताना वाला शख्स मानेंगे. शख्स ने पैसे बचाने के लिए सारे शौक भी त्याग दिए हैं.

28 वर्षीय जैक किम लंदन में रहने वाले एक स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट हैं, जो हर साल लगभग 1,00,000 पाउंड (1 करोड़ रुपये से ज्यादा) कमाते हैं. फिर भी वे खुद को “अमीर” नहीं मानते. जैक उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें ‘HENRY’ कहा जाता है – High Earners, Not Rich Yet यानी ऊंची कमाई करने वाले, लेकिन अब तक अमीर नहीं बने. जैक यूके के उन टॉप 10 प्रतिशत लोगों में आते हैं जो सबसे ज़्यादा कमाते हैं, लेकिन बढ़ती महंगाई, टैक्स और महंगे रहन-सहन की वजह से उन्हें भी आम लोगों जैसी ही चुनौतियां झेलनी पड़ती हैं. जैक की सालाना ग्रॉस सैलरी है 100,000 पाउंड, लेकिन टैक्स और नेशनल इंश्योरेंस के बाद उनके हाथ में सालाना 68,557 पाउंड (80 लाख रुपये) ही आते हैं.

कमाते हैं 1 करोड़ रुपये सैलेरी
लंदन के ज़ोन-2 इलाके में रहने वाले जैक ने 550,000 पाउंड का टू-बीएचके फ्लैट खरीदा है, जिसकी ईएमआई ही उन्हें हर महीने 2,630 पाउंड (3 लाख रुपये से ज्यादा) चुकानी पड़ती है. इसके अलावा काउंसिल टैक्स, बिजली-पानी के बिल (420 पाउंड), खाने-पीने (250 पाउंड) और सोशल एक्टिविटीज (400 पाउंड) पर भी खर्च होता है. महंगाई के चलते जैक ने अपने खर्चों पर नियंत्रण करना शुरू किया है. वे अब मार्क्स एंड स्पेंसर की जगह सैन्सबरी से खरीदारी करते हैं और महंगे एशियाई ट्रिप की जगह सस्ते यूरोपीय वीकेंड गेटवे चुनते हैं. जैक कहते हैं, “मैं छह अंकों की सैलरी पाकर भी अमीर महसूस नहीं करता. लंदन में रहना बेहद महंगा है. इनकम बढ़ती है, तो साथ में खर्च और लाइफस्टाइल भी बढ़ती है. मैं महंगे ब्रांड्स के कपड़े नहीं पहनता, Uniqlo जैसे ब्रांड्स पसंद करता हूं.”

घर का ही खाना खाते हैं जैक
वे आगे कहते हैं, “मैं शराब भी नहीं पीता, जो कि बहुत महंगी होती है. हम हफ्ते में एक बार ही बाहर खाना खाते हैं. फिर भी मुझे ‘अपर-मिडिल क्लास’ जैसा महसूस नहीं होता.” जैक ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से बैचलर और मास्टर्स किया और 2019 में £21,000 सैलरी से करियर की शुरुआत की. जल्द ही उनकी सैलरी £45,000 तक पहुंच गई, जिससे उन्होंने घर के लिए बचत शुरू की. उनके अनुसार, “हमें 82,000 पाउंड की डाउन पेमेंट की जरूरत थी, जो हमने दो साल में जोड़ ली. कोविड के समय खर्च कम हुए, तो मदद मिली. हमने बाहर खाना बंद कर दिया और हर दिन घर पर ही पकाया.” 2021 में जैक और उनकी पार्टनर ने मिलकर एक टू-बीएचके प्रॉपर्टी खरीदी. “हम दोनों की इनकम और हमारी मेहनत ने इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद की,” वे बताते हैं. जैक का मानना है कि आज के युवाओं के लिए घर खरीदना पहले से कहीं ज़्यादा मुश्किल हो गया है, खासकर अगर वे अकेले हैं या परिवार की आर्थिक मदद नहीं है.

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