सामने आई सबसे बड़ी रिपोर्ट, जामिया नगर हिंसा में था इन लोगों का हाथ

नई दिल्‍ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में छात्र सड़कों पर उतर गए हैं। विपक्षी पार्टियां भी इस कानून का विरोध कर रही हैं। कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया नगर क्षेत्र में जो हिंसा हुई और पुलिस की कार्रवाई हुई, उसके विरोध में देश की कई यूनिवर्सिटी प्रदर्शन कर रही हैं। देश में कुल 22 बड़े कैंपस हैं, जहां पर विरोध प्रदर्शन जारी है। जामिया हिंसा को लेकर आज सर्वोच्च अदालत में भी सुनवाई हो सकती है।

वहीं दूसरी तरफ जामिया हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को अपनी शुरुआती रिपोर्ट भेज दी है। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर करीब एक दर्जन संदिग्धों की पहचान कर ली गई है। इन संदिग्धों के बारे में पुलिस ने जानकारी इकट्ठा कर ली है और उनकी तलाश की जा रही है।

वहीं जामिया हिंसा मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक भी छात्र नहीं हैं। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोग क्रिमिनल बैकग्राउंड के हैं। इनमें से तीन इसी इलाके के ‘बैड कैरेक्टर क्रिमिनल’ घोषित है। वहीं, मंगलवार को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हालत सामान्य है। कैंपस के बाहर कोई छात्र नहीं है। कैंपस के बाहर पुलिस फोर्स भी तैनात नहीं है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में लग रहा है कि जामिया नगर इलाके में जो हिंसा हुई उसकी तैयारी पहले से की गई थी। गीले कपड़े लेकर आंसू गैस के गोले पर डाले गए थे, पेट्रोल बम का इस्तेमाल हुआ था। जो बताता है कि पहले से प्लानिंग थी, अभी तक इसमें दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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