सात साल के अथक परिश्रम से कुशल चौधरी ने रचा इतिहास

आरएएस परीक्षा 2023 में टॉप करने वाले कुशल चौधरी (27) ने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। अजमेर जिले के डूंगरिया कलां गांव के रहने वाले कुशल एक किसान परिवार से हैं। उनके पिता प्रभुराम चौधरी (60) किसान हैं, जिन्होंने शुरू से ही बेटे को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। कुशल बताते हैं कि बचपन में जब वे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते थे, तब पिता ही उन्हें पढ़ाया करते थे।
कक्षा 10 तक की पढ़ाई गांव के स्कूल से और 12वीं कुचामन के नोबल स्कूल से की। इसके बाद महाराजा कॉलेज जयपुर से ग्रेजुएशन पूरा किया। 2018 से वे लैब असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं। नौकरी लगने के बाद ही उन्होंने आरएएस की तैयारी शुरू की। उस दौरान उनके फिजिक्स टीचर खुद इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, उन्होंने कुशल को प्रेरित किया और अपने नोट्स दिए। कुशल ने बिना कोचिंग के तैयारी शुरू की।
पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली और उनकी रैंक 1038 रही लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2021 में असफलता के बाद वे तनाव में आ गए थे और उम्मीद छोड़ दी थी। परिवार के सहयोग और प्रेरणा से उन्होंने दोबारा तैयारी शुरू की और आखिर आरएएस 2023 में प्रथम स्थान हासिल किया। उन्होंने बताया कि सात साल की इस यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, समाज और परिवार का दबाव भी झेलना पड़ा, लेकिन लक्ष्य से कभी भटके नहीं।
कुशल ने कहा कि आरएएस क्लियर करने में मुझे सात साल लग गए। परिवार और समाज दोनों की उम्मीदें मुझ पर थीं लेकिन मैंने हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में पांच बहनें हैं। परिवार चाहता था कि उनकी शादी भी बहनों के साथ हो जाए लेकिन उन्होंने परिवार से थोड़ा और समय मांगा ताकि सपने को पूरा कर सकें।
दिलचस्प बात यह रही कि जब RAS का परिणाम आया, तब कुशल बाहर घूम रहे थे। उन्होंने इस बार दोस्त से कहा था कि वह रिजल्ट चेक करे, क्योंकि पिछली बार जब उन्होंने खुद देखा था, तब सफलता नहीं मिली थी। दोस्त ने फोन कर बताया कि उनकी फर्स्ट रैंक आई है। पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ, लेकिन एडमिट कार्ड निकालकर रोल नंबर से चेक किया तो विश्वास हुआ।
कुशल ने अपनी तैयारी कॉन्स्टेबल बहन के ससुराल में रहकर की थी। उन्होंने सफलता का श्रेय अपने परिवार, बहनों और जीजा को दिया। कुशल कहते हैं कि जिस भी विभाग में सेवा का अवसर मिलेगा, मैं पूरे विश्वास और समर्पण से अपनी ड्यूटी निभाऊंगा।