साड़ी-लहंगा छोड़ ट्राई करें कंगना रनौत का ‘लद्दाखी’ लुक

कंगना रनौत अपनी बेबाक शख्सियत और शानदार फैशन सेंस के लिए जानी जाती हैं। भारी कढ़ाई वाली साड़ियों से लेकर घेरदार अनारकली तक, वह हर लिबास में बेहद खूबसूरत लगती हैं। हाल ही में, कंगना ने भारत की समृद्ध विरासत को अपनाते हुए एक बेहद खास लद्दाखी आउटफिट पहना, जिसने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
कंगना रनौत की शख्सियत जितनी बेबाक है, उनका फैशन सेंस भी उतना ही लाजवाब है। वे हर लिबास में सहजता के साथ खूबसूरती की मिसाल पेश करती हैं, लेकिन इस बार जब उन्होंने भारत की समृद्ध विरासत को अपने अंदाज में ढाला, तो देखने वालों की सांसें थम गईं। दरअसल, उन्होंने लद्दाख की पारंपारिक वेशभूषा से न सिर्फ फैशन का नया ट्रेंड सेट किया, बल्कि विरासत के धागों से बुनी हुई नजाकत को भी दुनिया के सामने रखा।
विंटर वेडिंग्स के लिए एक नया ट्रेंड
सर्दियों की शादियों को ध्यान में रखते हुए, कंगना का यह आउटफिट ‘नामजा कॉउचर’ द्वारा तैयार किया गया था। यह ब्रांड लद्दाखी परंपराओं को आधुनिक डिजाइन के साथ मिलाने में माहिर है। अपनी बारीकी, शानदार कपड़ों और सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी कारीगरी के लिए मशहूर इस ब्रांड ने कंगना के लिए यह ‘वन-ऑफ-ए-काइंड’ ड्रेस बनाई है।
क्या है ‘गोन्चा’ और ‘मोगोस’?
कंगना का यह खूबसूरत सिल्हूट ‘गोन्चा’ से इंस्पायर्ड था, जिसे ‘कोस’ या ‘सुलेमान’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक लॉन्ग रोब होता है, जो ट्रेडिशनल रूप से ऊन, मखमल या सूती कपड़े से बनता है और लद्दाख की महिलाओं को वहां के कठोर पहाड़ी मौसम से बचाता है।
कंगना ने इसे एक गाउन जैसी रचना के साथ पहना जिसे ‘मोगोस’ कहा जाता है। इसमें हरे रंग का ब्रोकेड वर्क था। ‘मोगोस’ शब्द में ‘मो’ का अर्थ महिला और ‘गोस’ का अर्थ लबादा होता है। इसका कपड़ा बनारसी सिल्क से हाथ से बुना गया था, जिस पर फूलों, फीनिक्स और सारस जैसे जटिल डिजाइन बने थे। ये डिजाइन अक्सर लद्दाख की वास्तुकला में देखे जाते हैं।
मस्टर्ड ‘बोक’ शॉल का जादू
इस ड्रेस की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए कंगना ने इसके ऊपर एक पारंपरिक मस्टर्ड कलर का ‘बोक’ शॉल लिया था। लद्दाख के भीषण मौसम में गर्मी पहुंचाने के लिए यह आमतौर पर बकरी की खाल या रेशम से बनाया जाता है। शॉल के किनारे पर लटकते हुए टैसेल्स ने उनके लुक में चार चांद लगा दिए। मैटेलिक और हल्के रंगों का यह मेल पहाड़ों की कहानी कहता नजर आया।
जूलरी ने बढ़ाई रौनक
अपने इस लुक को पूरा करने के लिए कंगना ने लद्दाखी भावना को बरकरार रखा। उन्होंने कानों में बड़े और भारी सुनहरे झूमके पहने जो उनके कंधों तक आ रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने एक खूबसूरत ‘पहाड़ी नेकलेस’ पहना जिसमें हरे रंग का पेंडेंट और मोती लगे थे। एक पन्ने की अंगूठी और लाल रंग की छोटी सी बिंदी ने उनके इस लुक को कंप्लीट किया।
लद्दाखी विरासत की झलक
आमतौर पर रोजमर्रा पहने जाने वाले गोन्चा काले, ग्रे या बरगंडी जैसे हल्के रंगों में आते हैं, लेकिन शादियों वाले गोन्चा नेपाल और भूटान से लाए गए ब्रोकेड, सिल्क या वेलवेट से बने होते हैं और बेहद खास होते हैं। इन्हें कमर पर एक मोटे कपड़े की बेल्ट से बांधा जाता है, जिसे ‘स्केराक्स’ कहा जाता है।





