सांभर वड़ा तो खाते होंगे, मगर कभी सोचा है- वड़े में क्यों होता है छेद?

गरमा गरम सांभर में डूबा, क्रिस्पी वड़ा… आहा! सोचकर ही मुंह में पानी आ गया, है ना? यह सिर्फ एक स्वादिष्ट नाश्ता नहीं, बल्कि दक्षिण भारत की पहचान है। आपने भी अनगिनत बार इसका मजा लिया होगा, लेकिन क्या कभी सोचा है कि इस वड़े के ठीक बीच में एक गोल छेद क्यों होता है (Why Does Vada Have A Hole)?

क्या यह सिर्फ इसे सुंदर दिखाने के लिए है या इसके पीछे कोई गहरा राज छिपा है (Reason For Hole In Vada)? आज हम आपको बताएंगे वड़े के इस छेद की असली कहानी, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

पूरी तरह से पकने के लिए

वड़े का घोल काफी गाढ़ा होता है। अगर इसे बिना छेद के गोल बनाया जाए, तो बाहर की परत तो जल्दी पक जाएगी और कुरकुरी हो जाएगी, लेकिन अंदर का हिस्सा कच्चा रह सकता है या ठीक से नहीं पकेगा। छेद होने से गर्म तेल वड़े के अंदरूनी सतह तक भी आसानी से पहुंच पाता है, जिससे वड़ा अंदर और बाहर से एक समान पकता है। इसका मतलब है कि आपको हर बार एक परफेक्ट, अच्छी तरह से पका हुआ और स्वादिष्ट वड़ा मिलता है।

कुरकुरापन बढ़ाने के लिए

जब वड़ा तेल में तला जाता है, तो छेद होने के कारण तेल चारों तरफ से वड़े को कुरकुरा बनाता है। अंदर की तरफ से भी तेल के संपर्क में आने से वड़े का टेक्सचर बेहद क्रिस्पी बनता है। अगर छेद न हो तो बाहर से कुरकुरा होने पर भी अंदर से वड़ा नरम रह सकता है।

तेल को सही ढंग से निकलने में मदद

तलने के बाद, वड़े को तेल से निकाला जाता है। छेद होने से एक्स्ट्रा ऑयल आसानी से बाहर निकल जाता है, जिससे वड़ा कम ऑयली लगता है और खाने में भी हल्का महसूस होता है। इससे वड़ा चिकना नहीं लगता।

सांभर और चटनी का स्वाद

यह कारण उतना वैज्ञानिक नहीं है, लेकिन वड़े में छेद का एक और बड़ा फायदा है- जब आप वड़े को सांभर या चटनी में डुबोते हैं, तो सांभर और चटनी का स्वाद उस छेद के रास्ते वड़े के अंदर तक पहुंच जाता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button