सर्दियों में फेफड़ों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए जरूर खाएं ये 8 चीजें

ठंड के मौसम में होनेवाली सबसे आम समस्याओं में है खांसी। बस जरा-सी ठंड लगी, गले में खिचखिच हुई और कुछ ही देर में खांसी के धसके शुरू… अब कराते रहिए इलाज। अगर आप ऐसे अनुभव से नहीं गुजरना चाहते हैं तो जरूरी है कि अपने फेफड़ों को सेहतमंद बनाए रखें। यहां जानें, ठंड में फेफड़ों को सेहतमंद बनाए रखने का तरीका…

सबसे आसान तरीका

अपने आपक को किसी भी बीमारी से बचाने का सबसे आसान तरीका है कि हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रखें। साथ ही हमारी बॉडी इतनी मजबूत हो कि बाहरी जर्म्स से वह खुद ही लड़ ले और हमें एक्सट्रा मेडिसिन्स की जरूरत ही ना पड़े। ऐसे में अपनी डायट के जरिए बॉडी के सभी पार्ट्स को हेल्दी रखना जरूरी हो जाता है। आज यहां बात करते हैं अपने फेफड़ों की। क्योंकि अगर सर्दी में एक बार खांसी शुरू हुई तो ऐसा कम ही होता है, जब वो पूरे परिवार में फैले बिना घर से विदाई ले ले। समझ रहे हैं ना आप…परिवार में किसी एक को खांसी होने पर दूसरे व्यक्ति को लग जाती है और फिर तीसरे फैमिली मेंबर को। खांसी का यह सर्कल शुरू होने से पहले ही खत्म करने के लिए अपनी डायट में इन चीजों को शामिल करें।

लहसुन और प्याज

लहसुन और प्याज दोनों ही ऐसी सब्जियां हैं, जिन्हें खाने के बाद सांसों से दुर्गंध आती है। लेकिन जरूरी बात यह है कि सांसों को दुर्गंध से भरनेवाली ये सब्जियां हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ाती हैं साथ ही हमारे फेफड़ों यानी लंग्स को मजबूत भी बनाती हैं। प्याज और लहसुन ऐंटीऑक्सीडेंट्स और ऐंटीफंगल एस्ट्रिजेंट के रूप में काम करते हैं। जो फेफड़ों में सांस के जरिए पहुंची पलूशन पार्टिकल्स, डस्ट पार्टिकल्स औ बैक्टीरिया आदि को जमा नहीं होने देते। इससे लंग्स साफ और सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।

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अदरक की चाय

चाय का स्वाद अदरक के बिना अधूरा ही लगता है। इस स्वाद की तलब का असर यह है कि अब लोग गर्मियों में भी अदरक की चाय पीने की चाहत रखते हैं… ‘बिल्कुल प्राण जाय पर शौक ना जाए’ की तर्ज पर। लेकिन अदरक के फायदे जानकर इसके स्वाद की अहमियत आपके लिए और अधिक बढ़ जाएगी। अदरक में ऐंटीइंफ्लामेट्री एलिमेंट्स होते हैं, जो खान-पान या प्रदूषित हवा के कारण फेफड़ों तक पहुंचे हानिकारक तत्वों का असर खत्म कर देते हैं। इससे हमारे फेफड़े बिना किसी परेशानी के काम करते रहते हैं।

ओमेगा थ्री फैटी एसिड

फैट या फैटी शब्द देखकर परेशान ना हों। हर फैटी चीज और फैट बुरा नहीं होता। फैटी एसिड एक ऐसा एलिमेंट है, जो हमारी फिटनेस और हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है। यह हमें लंग्स में दिक्कत के कारण होनेवाली अस्थमा की बीमारी से भी बचाता है। ओमेगा थ्री फैटी एसिड के लिए आपको खासतौर पर सर्दियों में हरी फलियां, सेम की फली, दूध, पनीर, दही और अलसी के बीजों का सेवन करें।

ब्रोकली का सेवन

ब्रोकली यानी हरे रंग की गोभी, फेफड़ों और सांस से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में बहुत अधिक मददगार है। अगर आप सर्दियो के मौसम में ब्रोकली का सेवन सही तरीके से करेंगे तो आपके लंग्स को कोई भी बीमारी छू नहीं पाएगी। आप हर रोज या हर दूसरे दिन ब्रोकली को अलग-अलग तरीके से खा सकते हैं। कभी सब्जी बनाकर, कभी सैलेड में तो कभी स्नैक्स के साथ। ऐसा करने से आप ब्रोकली खाकर बोर भी नहीं होंगे और आपकी सेहत भी बनी रहेगी।

गाजर

गाजर हमारे फेफड़ों के लिए बिल्कुल वैसे काम करती है जैसे गले की खराश में अदरक। गाजर में ऐंटीइंफ्लामेट्री एलिमेंट्स के साथ ही विटमिन्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं। खासतौर पर विटमिन-ए और विटमिन-सी इसमें भरपूर मात्रा में होते हैं। इन विटमिन्स के कारण हमारे लंग्स हेल्दी रहते हैं और हमें सांस से जुड़ी तकलीफ नहीं होती है। आप गाजर को सलाद, सब्जी,हलवे या गाजर पाक के रूप में खा सकते हैं। गाजर का अचार और स्नैक्स भी ठीक रहते हैं।

अनार और सेब

अनार हमारे शरीर में खून बढ़ाने का काम करने के साथ ही फेफड़ों की क्लीनिंग में बड़ा रोल प्ले करता है। वहीं सेब में विटमिन ई और सी दोनों होते हैं। ये दोनों ही फल हमें लंग्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाने में भी बड़ा रोल प्ले करते हैं। अगर किसी ऐसे जॉब में हैं, जिसमें ट्रैवलिंग अधिक होती है या आप पूरा दिन ओपन एरिया में रहते हैं तो अपने लंग्स की सेहत के लिए आपको अपनी डेली डायट में एक अनार और एक सेब शामिल करना चाहिए। आप इनका जूस भी पी सकते हैं। लेकिन यह जूस ताजे फलों से तैयार किया हुआ होना चाहिए। बॉटल बंद या पैक्ड जूस की बात यहां नहीं हो रही है।

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