सरकार की चेतावनी के बाद भी शिक्षामित्र कर रहे बवाल, सदमे से एक की मौत

सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद्द होने से खफा शिक्षामित्रों का आंदोलन शनिवार को भी जारी रहा। प्रदेश के अधिकतर जिलों में लगातार चौथे दिन स्कूलों में तालाबंदी से पढ़ाई ठप रही।
सरकार की चेतावनी के बाद भी शिक्षामित्र कर रहे बवाल, सदमे से एक की मौत
सरकार के आश्वासन और चेतावनी के बाद भी शिक्षामित्रों ने जगह-जगह धरना- प्रदर्शन और रास्ता जाम किया। पदनाम बदलकर गैर शैक्षणिक पदों पर समायोजित करने की मांग की।

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समायोजन रद्द होने से आहत मथुरा के प्राथमिक स्कूल नौहझील में रहे शिक्षामित्र उदय सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वहीं एटा में शिक्षामित्र पत्नी का समायोजन रद्द होने से आहत अनिल दुबे ने फांसी के फंदे पर झूल कर जान देने का प्रयास किया।

इस बीच, प्राथमिक शिक्षक संघ और पूर्व माध्यमिक जूनियर शिक्षक संघ ने भी कई जिलों में आंदोलन का समर्थन करते हुए शिक्षण कार्य का बहिष्कार किया। एटा में शिक्षामित्रों ने पैसेंजर ट्रेन रोक कर विरोध जताया। राजधानी में सांसद कौशल किशोर के मोहनलालगंज स्थित आवास पर धरना देकर सरकार से राहत दिलाने की मांग की।

इन जिलों में भी किया प्रदर्शन

मुजफ्फरनगर में गुस्साए शिक्षामित्रों ने महावीर चौक पर जाम लगाया। शिक्षामित्रों ने केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान का आवास घेरा। इसी तरह आगरा में भी फतेहपुर सीकरी के सांसद चौधरी बाबूलाल के जयपुर हाउस स्थित आवास का घेराव किया।

वाराणसी, बलिया, सोनभद्र, मऊ, जौनपुर और चंदौली में शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय और मिर्जापुर में कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन कर सरकार से सकारात्मक कदम उठाने की मांग की। गाजीपुर में बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया तो आजमगढ़ में कलेक्ट्रेट चौराहे पर भीख मांगी।

आंदोलन को धार देने के लिए इलाहाबाद में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ एवं आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से शिक्षामित्र संघर्ष समिति का गठन किया। इस दौरान हुई सभा में शिक्षामित्रों ने एक स्वर में सरकार से अविलंब निर्णय लेने की मांग की। (आगरा, अलीगढ़, वाराणसी,  इलाहाबाद, लखनऊ, मेरठ के इनपुट पर आधारित)

राज्यपाल बोले- समायोजन का रास्ता खोज रही सरकार

समायोजन निरस्त होने के बाद आंदोलन कर रहे शिक्षा मित्रों को राज्यपाल राम नाईक ने भरोसा दिलाया कि सरकार उनके समायोजन का रास्ता तलाश कर रही है। इसलिए किसी को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। राज्यपाल राम नाईक शनिवार को अधिवक्ता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गोंडा आए थे। उन्होंने शिक्षा मित्रों के प्रतिनिधि मंडल से कहा कि वे इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे।

उधर, शिक्षक भर्ती के लिए नए आयोग के गठन का रास्ता साफ
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग को भंग कर नए आयोग के गठन की तैयारी तकरीबन पूरी हो गई है। नए आयोग में एक अध्यक्ष के साथ चयन बोर्ड एवं चयन आयोग के छह-छह सदस्य होंगे। अपर मुख्य सचिव उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा संजय अग्रवाल ने दोनों विभागों के अफसरों के साथ बैठक कर इसका खाका भी तैयार कर लिया है।

माना जा रहा है कि 15 अगस्त के पहले यह अस्तित्व में आ जाएगा। बैठक में तय किया गया है कि नए आयोग में तैनात होने वाले सदस्यों की योग्यता पूर्व की भांति रहेगी, लेकिन शिक्षाविद के अंतर्गत आने वाले सदस्यों की न्यूनतम आयु 55 वर्ष एवं शासकीय/अनुमोदित कॉलेज के प्राचार्य के रूप में 10 वर्ष का अनुभव भी सम्मिलित होगा।

 

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