सत्ता संग्राम 2019: सीएम योगी ने कुछ इस तरह दिखाई ‘भविष्य के मोदी’ की झलक
जिस हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर भाजपा आगे बढ़ी और नरेंद्र मोदी देश की सत्ता के केंद्र बन गए। भगवा वेशभूषा में उसी हिंदुत्व की शैली में भाषण देकर सीएम योगी जनता को भविष्य के मोदी की झलक दिखा गए। जिस तरह मोदी की रैली में मोदी-मोदी के नारे लगते हैं, उसी तरह रुड़की में योगी की रैली में योगी-योगी के नारे लगे। यही नहीं रैली में पहुंचे लोग अन्य वक्ताओं के भाषण के दौरान भी योगी के नारे लगाते रहे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण से लोगों को बांधे रखा। भाषण में धार्मिक पुट साफ झलक रहा था। साथ ही भाजपा को इस शिखर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हिंदुत्व के कट्टरपन की भी झलक थी। शायद यही सुनने के लिए नेहरू स्टेडियम में लोग पहुंचे भी थे। जिसने भी योगी का भाषण सुना, उसने ही तारीफों के पुल बांध दिए। भीड़ में शामिल कुछ लोगों का यहां तक कहना था कि जो मोदी नहीं कर पाए, अगर मौका मिला तो योगी करके दिखा देंगे।
हालांकि मंच से सीएम योगी, पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को सामने रख रहे थे। वहीं कुछ लोग योगी को मिनी मोदी बता रहे थे। चुनावी सभा में लोगों ने मंच पर योगी के पहुंचते ही उनका खड़े होकर सम्मान किया। जब योगी ने भाषण शुरू करते हुए लोगों का अभिवादन किया तो लोगों में उनके प्रति दीवानगी दिखी। पूरा स्टेडियम योगी-योगी के नारों से गूंज उठा। यही नहीं लोग मंच पर मौजूद अन्य नेताओं को भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे। भाषणबाजी के दौरान लोग योगी को बोलने के लिए नारे लगाते रहे।
इसके बाद योगी ने भाषण को रफ्तार दी तो हिंदुत्व एजेंडे की उन सभी बातों को आक्रामक रूप से रखा, जिसे विशेषकर संघ का एजेंडा माना जाता है। योगी ने जब कहा कि जब केंद्र, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा में कांग्रेस और यूपी में सपा की सरकार थी तो कांवड़ यात्रा को प्रोत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित करने की रणनीति बनाई जाती थी। लेकिन उन्होंने कांवड़ियों को शंख, घंटे, घड़ियाल और डीजे बजाने की छूट दिलाई। इस पर खूब तालियां बजी। योगी की इसी शैली में भाषण को सुनते हुए लोग उनके कायल बनते दिखे।
रुड़की के नेहरू स्टेडियम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘मत योग’ की खातिर ‘मास्टर स्ट्रोक’ लगाते हुए अपनी तरकश से हिंदुत्व के कई तीर छोड़े। साथ ही हिंदू और हिंदुत्व को मजबूत करने का संदेश भी दिया। गंगा, सनातन हिंदू धर्म, कांवड़ यात्रा और कुंभ के जरिए भगवा रंग चढ़ाने की कवायद की। सीएम योगी का 28 मिनट का भाषण हिंदुत्व को मजबूत बनाने के ईर्द-गिर्द ही घूमता रहा। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 1:26 मिनट पर नेहरू स्टेडियम में बने मंच पर पहुंचे।
योगी आदित्यनाथ ने भाषण की शुरुआत ही गंगा, यमुना से की तो सनातन हिंदू धर्म की परंपरा का भी जिक्र किया। अपने भाषण की शुरुआती भूमिका में ही हिंदुत्व का जिक्र कर सीएम योगी ने सीधे कांवड़ यात्रा की बात की। योगी ने कहा कि पिछली सरकार ने कांवड़ यात्रा पर तमाम पाबंदी लगा दी थी, लेकिन जब हमारी सरकार आई तो ये सारी रोक हटा दी गई। योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने साफ किया कि कांवड़ में शंख भी बजेंगे, घंटे-घड़ियाल भी बजेंगे और डीजे भी बजेंगे। हमारी सरकार में हेलीकॉप्टर से शिवभक्तों पर पुष्प वर्षा भी होगी।
इस बीच योगी ने प्रयागराज में संपन्न हुए कुंभ और दो साल बाद हरिद्वार में होने वाले कुंभ की बात कर हिंदुत्व के तार जोड़ने का प्रयास किया। गंगा, यमुना और सनातन हिंदू धर्म से शुरू हुई योगी की बात राम मंदिर मुद्दे तक तक जा पहुंची। योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कहा कि, रामजन्म भूमि में ही रामलला विराजमान हैं। अब मामला केवल जमीन के बंटवारे का है। इतना ही नहीं सीएम योगी ने साफ तौर पर प्रियंका वाड्रा को हिंदुत्व के निशाने पर लिया और कहा कि प्रियंका वाड्रा अयोध्या जाती हैं, लेकिन वह रामलला के दर्शन नहीं करती। सीएम योगी के 28 मिनट के भाषण में छोड़े गए हिंदुत्व के तीर कितने निशाने पर लगते हैं, यह तस्वीर चुनावी परिणाम आने के बाद पता चलेगा।
उत्तराखंड मेरी मातृभूमि भी है और मैं अंत:करण से आनंद की अनुभूति कर रहा हूं। देश की सात पवित्र नदियों में उत्तराखंड की गंगा भी है। इन्हीं शब्दों के साथ सीएम योगी ने अपने भाषण की शुरुआत कर लोगों का दिल जीत लिया। इसके बाद उन्होंने कुंभ और कांवड़ को आस्था की डोर के जरिये उत्तराखंड को यूपी को जोड़ा। उन्होंने कहा कि यूपी से हरिद्वार तक कांवड़ पटरी मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा। इससे यह दोनों राज्यों के बीच वैकल्पिक मार्ग बनेगा।
नेहरू स्टेडियम में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2013 में प्रदेश में समाजवादी की सरकार थी, महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में था। अव्यवस्था और अराजकता का माहौल था और भगदड़ और दुर्घटनाओं से दर्जनों मौतें हुई। मॉरिशस के पीएम, जिनके पूर्वज दो सौ वर्ष पहले भारत छोड़कर मॉरिशस चले गए थे, प्रयागराज कुंभ आए तो गंगा में गंदगी देख डुबकी लगाने की हिम्मत नहीं हुई और दूर से प्रणाम करके चले गए। साथ ही कह गए कि क्या यही गंगा मैया है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गंगा की पवित्रता और निर्मलता के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की।
योगी ने कहा कि यह आजादी के बाद पहली बार हुआ कि प्रयागराज कुंभ में पहली बार देश के 24 करोड़ श्रद्धालुओं को सर्वाधिक पानी जल की आपूर्ति हुई। उन्होंने हरिद्वार और प्रयागराज में गंगा की स्वच्छता के लिए हुए कामों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विधायक प्रदीप बत्रा ने रुड़की में जाम की समस्या बताई है। जिसके समाधान के लिए गंगनहर की पटरी को यूपी से हरिद्वार तक चौड़ा किया जा रहा है। उत्तरप्रदेश में यह काम हो चुका है, उत्तराखंड में जल्द शुरू होगा। इससे रुड़की और उत्तराखंड वालों को वैकल्पिक मार्ग भी मिलेगा और सामान्य यात्रियों को भी परेशानी नहीं होगी। साथ ही कांवड़ यात्रा को भी गंगनहर पटरी से लेकर जाएंगे। जिससे आवाजाही में कोई दुर्घटना नहीं होगी।