सचिन पायलट का भाजपा पर तीखा प्रहार, बोले- जनता का सरकार पर से विश्वास टूटा

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट मंगलवार रात अजमेर पहुंचे, जहां शहर भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। समर्थकों ने जगह-जगह पायलट के स्वागत में नारे लगाए और फूल मालाएं पहनाईं। सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए पायलट ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि एसएमएस अस्पताल में हुई घटना सरकार की कार्यशैली और उसकी संवेदनहीनता का स्पष्ट उदाहरण है। यह सरकार पूरी तरह प्रशासनिक विफलता का शिकार है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पौने दो साल पूरे होने को हैं लेकिन इस दौरान जनता का भरोसा पूरी तरह टूट चुका है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच खिंचाव, टकराव और समन्वय की कमी साफ नजर आती है। अफसरशाही सरकार पर हावी है, जिससे जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा। कैबिनेट विस्तार तक नहीं हो पा रहा है, जो इस सरकार की कमजोरी को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की बात करने वाले आज खुद जनता को डबल निराशा दे रहे हैं।

पायलट ने कहा कि प्रदेश के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। विकास ठप है, भ्रष्टाचार चरम पर है और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। यह सरकार चुनाव टालने का प्रयास इसलिए कर रही है, क्योंकि उसे जनता के गुस्से का डर है। भाजपा जानती है कि चुनाव हुए तो जनता उसे जवाब देगी।

पायलट ने मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह हम सब देशवासियों के लिए अत्यंत दुखद और शर्मनाक घटना है। हमारे देश की संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं में इस तरह की हिंसा या असहिष्णुता की कोई जगह नहीं है। असहमति का मतलब टकराव नहीं होता। विचारों के मतभेद लोकतंत्र की ताकत हैं, कमजोरी नहीं। उन्होंने कहा कि इस घटना ने देश में कड़वाहट पैदा की है और जो लोग ऐसी हरकत करते हैं, वे लोकतांत्रिक परंपराओं को कमजोर करते हैं।

बिहार में चल रही सियासत पर बोलते हुए पायलट ने कहा कि वहां की जनता बदलाव के मूड में है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने सत्ता के लालच में जनता को अंधकार में धकेला है। हमारा गठबंधन बिहार में एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि हम बिहार को एक मजबूत और पारदर्शी सरकार देने में कामयाब होंगे।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने तथ्यों और प्रमाणों के साथ वोट चोरी का मुद्दा देश के सामने रखा है। यदि निर्वाचन आयोग वास्तव में निष्पक्ष है, तो उसे तत्काल जांच बैठानी चाहिए। लोकतंत्र में पारदर्शिता सबसे बड़ी ताकत है और यदि मतदान प्रक्रिया पर ही सवाल उठने लगें तो जनता का भरोसा डगमगा जाता है।

देश के युवाओं से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि नौजवान राजनीति से दूर न रहें, बल्कि साफ छवि और ईमानदार सोच के साथ राजनीति में आएं। देश की नई पीढ़ी में बदलाव की ताकत है। वह भ्रष्टाचार, नफरत और झूठ की राजनीति नहीं चाहती। उसे स्वच्छ, पारदर्शी और जवाबदेह शासन चाहिए। नेताओं को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।

सरकार अपनी विफलताओं का ठीकरा आज भी नेहरू और राजीव गांधी जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों पर फोड़ती है। अब यह पुराना खेल बंद होना चाहिए। जनता अब सवाल पूछ रही है कि पेट्रोल-डीजल के दाम पूरी दुनिया में घट रहे हैं लेकिन भारत में क्यों नहीं? बेरोजगारी और महंगाई के सवालों से बचना अब संभव नहीं है।

देश और प्रदेश दोनों जगह जनता अब बदलाव चाहती है। भाजपा सरकारों ने अपने अहंकार, अराजकता और असंवेदनशील रवैये से जनता का विश्वास खो दिया है। जनता सब देख रही है और समय आने पर जवाब देगी। कांग्रेस साफ, ईमानदार और जवाबदेह राजनीति की राह पर है और यही जनता को उम्मीद की नई किरण देगी।

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