श्रीनगर: लश्कर के मददगार दो शिक्षक बर्खास्त… एलजी ने की कार्रवाई

लश्कर-ए-ताइबा के मददगार शिक्षक गुलाम हुसैन और माजिद इकबाल डार को वीरवार को बर्खास्त कर दिया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह कार्रवाई की। आतंकियों की मदद और संबंधों के आरोप में उपराज्यपाल अब तक 70 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त कर चुके हैं।

हुसैन रियासी जिले की माहौर तहसील के कलवा मुलास का, तो डार राजोरी जिले के खेओरा क्षेत्र के वार्ड नंबर-1 का रहने वाला है। आदेश में लिखा है कि शिक्षक माजिद इकबाल डार और गुलाम हुसैन की गतिविधियां ऐसी हैं जो उन्हें सेवा से बर्खास्त करने योग्य बनाती हैं। उपराज्यपाल संतुष्ट हैं कि राज्य की सुरक्षा के हित में दोनों के मामले में और जांच कराने की जरूरत नहीं है।

आतंकियों के इशारे पर काम करता था गुलाम
गुलाम हुसैन एन्कि्रप्टेड मैसेजिंग एप्लीकेशन के जरिये लश्कर-ए-ताइबा के आतंकी मोहम्मद कासिम और गुलाम मुस्तफा के संपर्क में था। दोनों आतंकियों के इशारे पर हुसैन काम कर रहा था। वह आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाकर आतंकियों की भर्ती के लिए मुहैया कराता था। गुलाम हुसैन को 2023 में गिरफ्तार किया गया था।

राजोरी में आईईडी की बरामदगी के बाद पकड़ में आया था इकबाल
8 जनवरी 2023 को राजोेरी के जीएमसी राजोरी के पास खेओरा इलाके से टिफिन बॉक्स में रखा एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद हुई थी। इससे 10 दिन पहले जिले के बुधल इलाके में भी आईईडी मिली थी। जांच में खेओरा निवासी सरकारी शिक्षक माजिद इकबाल डार की संलिप्तता सामने आई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

डार से पूछताछ के बाद मंजाकोट निवासी जोहैब खान और बालाकोट के धरती गांव निवासी मोहम्मद जब्बार को गिरफ्तार किया गया, जो इस मॉड्यूल का सरगना निकला। तीनों ने राजोरी के दस्सल के जंगली इलाके मे 2 आईईडी छिपा छिपा रखी थी। जांच में डार का लश्कर-ए-ताइबा के आतंकी जबर और जोहैब शहजाद से संबंध का पता चला था। इकबाल पर नार्कोटेरर का भी आरोप है। तबसे इकबाल डार जेल मे ही बंद है।
महज संदेह के आधार पर बर्खास्त न करें

कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए। केवल संदेह के आधार पर उन्हें हटाना अनुचित है। उनकी बात सुनी जानी चाहिए और उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर दिया जाना चाहिए। मैंने हमेशा कहा है कि जो दोषी हैं उन्हें बचाया नहीं जाना चाहिए।
-उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री

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