योगी के हाथ में कमान का शेयर बाजार पर पड़ेगा असर

मुंबई। देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथ में सौंपना, इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की दिशा और दशा को प्रभावित कर सकता है।
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कट्टर हिंदूवादी छवि वाले आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने से केंद्र की भावी सुधार संबंधी नीतियों को लेकर चिंता जताई जा रही है।
बाजार विश्लेषकों को विशेष रूप से विदेशी निवेशकों की ओर से किसी तरह की बड़ी बिकवाली को लेकर चिंता है। वे इस तरह की किसी भी घटना पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हैं।
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद से ही शेयर बाजार में तेजी का रुख था। विशेषज्ञों का मानना है कि हिंदूवादी एजेंडे के प्रति झुकाव के बावजूद बाजार विकास से जुड़े मुद्दों पर पार्टी के नजरिये को लेकर आश्वस्त था।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ का चौंकाने वाला चयन बड़े निवेशकों को मुनाफावसूली की वजह दे सकता है।
बीते सप्ताह शुक्रवार को निफ्टी 9160 अंक के नए शिखर पर बंद हुआ। जबकि सेंसेक्स चढ़कर 29648.99 अंक पर पहुंच गया। वैसे कुछ विश्लेषकों को उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवाकर यानी जीएसटी के कार्यान्वन की दिशा में आगे बढ़ने जैसी घटनाएं ही आखिरकार बाजार की दिशा तय करेंगी।
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम का असर शुरुआती कारोबार में रह सकता है। आम्रपाली आद्य ट्रेडिंग एंड इंवेस्टमेंट्स में डायरेक्टर व रिसर्च हेड अबनीश कुमार सुधांशु ने कहा कि बीते सप्ताह की शुरुआत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की भारी जीत से हुई।
लंबित परियोजनाओं और सुधारों के आगे बढ़ने की उम्मीद में इसने बाजार में जान फूंकी। यहां तक बाजार ने फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर में बढ़ोतरी की भी अनदेखी कर दी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की शानदार जीत ने घरेलू बाजार को उत्साहित किया। इस कारण निवेशकों की लिवाली का सहारा पाकर निफ्टी 9000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को लांघ गया।