शूटिंग के लिए बॉलीवुड की पसंद बन रहा झीलों का शहर भोपाल

आमतौर पर बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग बीच, पहाड़ और फॉरेन कंट्रीज में ही की जाती रहीं हैं। जहां आपकाे एक से एक सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं। हर जगह की अपनी ही एक खासियत है। लेकिन पिछले कुछ सालों में बॉलीवुड ने ऐसी जगहों को भी शूटिंग का अड्डा बनाया है जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं। घूमने के लिहाज से ये जगहें परफेक्ट रहीं हैं, लेकिन अब ये फिल्मों की दुनिया में भी दिखाई जा रहीं हैं।
उन्हीं में से एक है भोपाल। आपको बता दें कि भारत में खूबसूरत शहरों की बात होती है तो भोपाल का नाम भी लिया जाता है। यहां सालों साल भारी संख्या में पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है। भोपाल में कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। एक अगस्त को रिलीज हुई फिल्म धड़क-2 (Dhadak-2) और पिछले साल रिलीज हुई फिल्म स्त्री 2 में भी भोपाल और सीहोर की गलियों को दिखाया गया है। इसके अलावा फिल्म आरक्षण, राजनीति, एक विवाह ऐसा भी, सेल्फी और भूल भुलैया 3 जैसी कई फिल्में यहां शूट की गई हैं। ऐसे में अगर आप भोपाल घूमने जा रहे हैं तो इन जगहाें को जरूर एक्सप्लोर करें।
ताजमहल पैलेस
भोपाल के इस महल में स्त्री 2 की शूटिंग हुई थी। इसका नाम भी आगरा के ताजमहल के नाम पर ही रखा गया था। 120 कमरों वाले इस महल का इंटीरियर बहुत ही आकर्षक है। ताजमहज पैलेस के अलावा चंदेरी के राजपूती किले और महलों को तो एक बार देखना बनता है।
अपर लेक
भोपाल का अपर लेक भी खूबसूरती के मामले में किसी से कम नहीं है। अपर लेक को भोजताल के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये एक आर्टिफिशियल लेक है। बताया जाता है कि इसका निर्माण परमार राजा भोज ने 10वीं से 11वीं शताब्दी के बीच कराया था। ऐसे में ये जगह भी जन्नत से कम नहीं है। यहां जाना ताे बनता है। आरक्षण फिल्म में इस जगह को दर्शाया गया है।
गौहर महल
2008 में रिलीज हुई सूरज बड़जात्या की फिल्म एक विवाह ऐसा भी की शूटिंग भोपाल के गौहर महल में की गई है। इसके अलावा पंगा फिल्म में भी इस महल को दिखाया गया है। इसे भोपाल की सबसे खूबसूरत इमारत कहा जाता है। ये महल बड़े तालाब के पास मौजूद है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस महल में एक खास कमरा है जो अंधेरे में भी चमचमाता है। अंधेरे में अगर मोमबत्ती जला दें तो पूरा कमरा जगमगा जाता है।
मोतिया तालाब
फिल्म राजनीति की ज्यादातर शूटिंग भोपाल में हुई थी। उन्हीं में से एक लोकशन माेतिया तालाब था। कहा जाता है कि नवाब शाहजहां बेगम ने तीन सीढ़िनुमा तालाब बनवाए थे। पहली पर मोतिया तालाब, तो दूसरी पर नवाब सिद्दीक हसन तालाब, वहीं तीसरी पर मुंशी हुसैन खां तालाब है। आप यहां भी जा सकते हैं।
बिड़ला मंदिर
प्रभावशाली लक्ष्मी नारायण मंदिर या बिड़ला मंदिर का निर्माण 1960 और 1964 के बीच किया गया था। यह अरेरा पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी पर मौजूद है। इसे अब लक्ष्मीनारायण गिरि के नाम से जाना जाता है। ये जगह हरियाली से घिरी हुई है। यहां जाना ताे आपका बनता है।
भोपाल कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग: भोपाल का राजा भोज हवाई अड्डा शहर से 15 किमी की दूरी पर है।
रेल मार्ग: हमीदिया रोड के पास भोपाल जंक्शन है। वहीं रानी कमलापति रेलवे स्टेशन भी शहर के प्रमुख स्टेशनों में से एक है। आप ट्रेन से यहां आ सकते हैं।
बस द्वारा: भोपाल का मेन बस स्टैंड आईएसबीटी, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से केवल 3.5 किमी दूर है। आप यहां भी उतर सकते हैं।