शुरू हुआ विश्व युद्ध? US-ईरान के बाद अब चीन-इंडोनेशिया भिड़े, तैनात हुए लड़ाकू विमान…
अमेरिका-ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच अब चीन और इंडोनेशिया के बीच तनाव का मामला सामने आया है. इस दौरान इंडोनेशिया ने नतूना द्वीपसमूह पर अपने कई जंगी जहाज और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं.
रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर अपना अधिकार जताने के लिए नतुना द्वीपसमूह पर कई युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए. इतना ही नहीं वहां इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो भी पहुंच चुके हैं.
राष्ट्रपति विडोडो के पहुंचने से पहले ही इंडोनेशिया की सेना अपनी तैनाती चौकस कर दी थी. वहां पहुंचकर विडोडो ने कहा कि इस द्वीप पर सिर्फ इंडोनेशिया का अधिकार है. जबकि क्षेत्र में क्षेत्र में चीन का इंडोनेशिया के अलावा वियतनाम, फिलीपींस और मलेशिया के साथ भी विवाद चल रहा है. दरअसल, हाल ही का तनाव तब शुरू हुआ जब पिछले दिनों इस विवादित क्षेत्र से चीन के कई जहाज गुजरे थे. इसके बाद इंडोनेशिया ने चीन के राजदूत को तलब कर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी.
यह भी पढ़ें: चीन की राह पर सऊदी अरब, पाक को दे दिया बड़ा झटका, अब उइगर मुस्लिमों को…
उधर चीन पूरे दक्षिण चीन सागर क्षेत्र पर अपना एकाधिकार जताता आया है. यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख मार्ग के अलावा मछलियों का बहुत बड़ा भंडार भी माना जाता है.
क्या है दक्षिण चीन सागर का मामला:
दक्षिणी चीन सागर पर चीन हमेशा अपना इकतरफा हक जताता है जबकि इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच पड़ने वाला समंदर का हिस्सा करीब 35 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इस हिस्से पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताईवान और ब्रुनेई अपना दावा करते रहे हैं. इस इलाके में जीवों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं.
चार साल पहले शुरू हुई तनातनी:
इस इलाके को लेकर करीब चार साल पहले चीन के समंदर में खुदाई करने वाले जहाज, बड़ी तादाद में ईंट, रेत और बजरी लेकर दक्षिणी चीन सागर पहुंचे.
चीन ने बना लिया बंदरगाह:
उन्होंने एक छोटी समुद्री पट्टी के इर्द-गिर्द, रेत, बजरी, ईंटों और कंक्रीट की मदद से बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य शुरू कर पहले एक बंदरगाह बना लिया फिर हवाई जहाजों के उतरने के लिए हवाई पट्टी बना ली.
धीर-धीरे बना लिया सैन्य अड्डा:
देखते ही देखते, चीन ने दक्षिणी चीन सागर में एक आर्टिफ़िशियल द्वीप तैयार कर के उस पर सैनिक अड्डा बना लिया. इस इलाके में चीन ने धीरे-धीरे करके कई छोटे द्वीपों पर सैनिक अड्डे बना लिए, फिर इस पर विवाद शुरू हो गया.