शिव भगवान से सीखें, कलयुग में कैसे हो सकते हैं सफल

बेशक, भगवान शिव का लाइफ मैनेजमेंट जिंदगी में उतार लिया जाए तो जिंदगी खुशनुमा बन सकती है। क्योंकि शिव, बुराई और अज्ञानता के साथ ही अहंकार को नष्ट करने की सीख देते हैं।

भगवान शिव के केश, एकता के प्रतीक हैं। तो भोलेनाथ की तीसरी आंख, जिंदगी में आने वाली हर समस्या के पहलुओं पर ग़ौर करने की सीख देती है। जिंदगी में ऐसे कई मोढ़ आते हैं, जब हम काफी परेशान हो जाते हैं, तब हमें यह हमारा मनोबल बढ़ाते हैं।

ठीक इसी तरह भोलेनाथ का त्रिशूल मस्तिष्क पर नियंत्रण करने की सीख देता है। शंकर जी का नीला कंठ (नीली गर्दन) क्रोध को पीने की सीख देता है। कहते हैं क्रोध बुद्धि को नष्ट कर देता है। यह एक चुनौती की तरह आता है जिसे आप अपने धैर्य से अपनी वाणी से बाहर न आने दें।

शिव का डमरू कहता है कि अपने शरीर को डमरू की ध्वनि की तरह मुक्त कर दो। इससे सारी इच्छाएं मुक्त हो जाएंगी। भोलेनाथ का कमंडल शरीर की हर उस बुराई को खत्म कर देने का प्रतीक है जो नकारात्मकता से पैदा होती है।
 
और आखिर में भोलेनाथ के गले में सुशोभित सांप कहता है जिंदगी में शारीरिक और मानसिक रूप से स्वतंत्र होना चाहिए यानी आलस्य को त्याग देना चाहिए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button