शिक्षामित्र पत्नी की नौकरी जाते देख तनाव में आए बेरोजगार पति ने किया सुसाइड

शिक्षामित्र पत्नी की नौकरी जाते देख तनाव में आए बेरोजगार पति ने फांसी लगाकर खुद को खत्म कर लिया।  कानपुर शुक्लागंज की कोतवाली गंगाघाट के ऋषिनगर मोहल्ले में रहने वाले 32 वर्षीय शैलेंद्र बाजपेई पुत्र प्रेम नारायण बाजपेई ने खुद को कमरे में बंद कर पंखे पर फंदा डालकर फांसी लगा ली।
शिक्षामित्र पत्नी की नौकरी जाते देख तनाव में आए बेरोजगार पति ने किया सुसाइड
पिता प्रेम नारायण बाजपेई ने बताया कि वह रिटायर्ड निरीक्षक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में रहे हैं। जिनके तीन बेटे हैं सबसे छोटा शैलेंद्र था। जिसकी बीते करीब 6 वर्ष पूर्व शादी हुई थी। बहू निशा शिक्षामित्र है जो गजियाखेड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत है। बेटे शैलेंद्र की बीते एक वर्ष पूर्व नौकरी छूट गई थी।

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जिसके बाद से वह तनाव में रहने लगा। निशा का एक तीन वर्षीय बेटा केशव है। हाल के कुछ दिनों से वह बेहद तनाव में रहने लगा जब उसे यह पता चला कि शिक्षामित्रों की भी नौकरी जाने वाली है। बीते करीब एक सप्ताह से बेटा गुमसुम रहने लगा था कई बार पूछने पर भी कोई जवाब नहीं देता था। बड़े भाई संजय और राजू बाजपेई जयपुर के नवोदय विद्यालय में अध्यापक है। यहां बेटा बहू उनके साथ रहते है।

मंगलवार दोपहर बाद बेटा कमरे में गया काफी देर बाद भी जब वह कोई आहट नहीं लगी तो संदेह हुआ जिसके बाद बहू और उन्होंने मिलकर दरवाजा किसी तरह से खोला तो दंग रह गए पड़ोसियों की मदद से फंदे पर लटके बेटे को तत्काल उतारा गया और पास के नर्सिंग हो ले जाया गया जहां चिकित्सक ने बेटे को मृत घोषित कर दिया। पत्नी निशा का रो-रो कर बुरा हाल रहा। परिजन सरकार को कोसते दिखे बोले शैलेंद्र पहले से ही परेशान था औश्र सरकार ने उसकी और परेशानी बढ़ा दी। खबर लिखे जाने तक कोतवाली निरीक्षक अरूण द्विवेदी ने बताया कि इस तरह की कोई जानकारी और न ही कोई लिखित में सूचना आई है।

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