शादी के नौ साल बाद खुली धोनी की आंखें, बोले…

महेंद्र सिंह ‘कैप्टन कूल’ के रूप में क्रिकेट के मैदान पर भले ही हर किसी को निर्देश देते हों, लेकिन घर के मामले में फैसले उनकी पत्नी साक्षी लेती हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी खुद को आदर्श पतियों से भी बेहतर मानते हैं। उनका कहना है कि वे अपनी पत्नी की कही हर बात का जवाब हां में देते हैं, क्योंकि इससे वे खुश रहती हैं।

धोनी का कहना है कि घर को लेकर पत्नी के लिए फैसले में वह कभी दखल नहीं देते। धोनी ने ये बातें मंगलवार को चेन्नई में शादी के लिए रिश्ते ढूंढने वाली एक वेबसाइट के इवेंट में कही। धोनी इस वेबसाइट के ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने कहा कि सभी पुरुष शादी से पहले तक शेर होते हैं।
भारत को दो विश्व कप दिलाने वाले धोनी ने 2010 में साक्षी से विवाह किया था। उन्होंने कहा, ‘मैं आदर्श पति हूं। मैं अपनी पत्नी को सारे फैसले लेने देता हूं। मुझे पता है कि वह खुश रहेगी तो ही मैं खुश रह सकूंगा। मेरी पत्नी तभी खुश रहेगी जब मैं उसकी हर बात में हां कहूंगा।’
धोनी ने कहा कि उम्र के साथ रिश्ते मजबूत होते हैं। उन्होंने कहा, ‘शादी का सार 50 बर्ष के बाद है। एक बार 55 के हो जाने पर प्यार की असली उम्र होती है। उस समय आपकी दिनचर्या बदल जाती है।’ इवेंट में धोनी की इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। धोनी और साक्षी की शादी 4 जुलाई 2010 को हुई थी। इस कपल की एक बेटी भी है, जिसका नाम जीवा है।
धोनी इस साल जून-जुलाई में इंग्लैंड में आयोजित विश्व कप के बाद से ही क्रिकेट से दूर हैं। उन्होंने अपना आखिरी मैच विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। इसके बाद उन्होंने भारतीय टीम के साथ कोई सीरीज नहीं खेली है।