शादी के कार्ड में वास्तु की इन बातों का रखेंगे ध्यान

हिंदू धर्म में विवाह को 16 संस्कारों में शामिल किया गया है। विवाह में लोगों को निमंत्रण देने के लिए शादी के कार्ड छपवाएं जाते हैं, जिसमें कई बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शादी के कार्ड में वास्तु से जुड़े नियम का पालन न करने से वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
हिंदू धर्म में शादी के कार्ड को शुभकामनाओं का प्रतीक माना जाता है। शादी दो परिवार का मिलन होता है। इस दौरान कई तरह के रीती-रिवाज किए जाते हैं। वहीं, लोगों को निमंत्रण देने के लिए शादी का कार्ड दिया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, शादी के कार्ड को छपवाते समय कई बातों का खास ध्यान रखना होता है। ऐसा माना जाता है कि कार्ड में कुछ गलती होने से वैवाहिक जीवन में समस्या आ सकती है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं शादी के कार्ड से जुड़े वास्तु टिप्स।
कार्ड में दूल्हा-दुल्हन की फोटो लगवाना शुभ या अशुभ?
वर्तमान में शादी के कार्ड में दूल्हा-दुल्हन की फोटो लगवाने का चलन बढ़ गया है, लेकिन वास्तु शास्त्र की मानें तो शादी के कार्ड पर दूल्हा-दुल्हन की फोटो लगवाना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्ड में इस तरह की गलती करने से वर-वधु को नजर दोष का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए कार्ड पर दूल्हा-दुल्हन की फोटो लगवाने से बचना चाहिए।
किस रंग का होना चाहिए कार्ड?
शादी के कार्ड में रंग का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, शादी का कार्ड लाल, पीला या सफेद रंग को शुभ माना जाता है क्योंकि इन रंगों को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
कार्ड पर गणेश मंत्र या विष्णु मंत्र लिखवाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मंत्र को लिखवाना शुभ माना जाता है।
किसको देना चाहिए सबसे पहले शादी का कार्ड
शादी का कार्ड बांटने से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणेश पूजन करने से मांगलिक कार्यों में कोई बाधा नहीं आती है। इसलिए सबसे पहले कार्ड विघ्नहर्ताकुलदेवी-देवता और अपने पूर्वजों को देना चाहिए। इसके बाद रिश्तोंदार और मित्रों को देना चाहिए।
किस दिशा में रखें कार्ड
शादी का कार्ड छपने के बाद उसे घर की उत्तर-पूर्व दिशा रखना शुभ माना जाता है। इस दिशा में देवी-देवताओं का स्थान माना जाता है।
कार्ड में होनी चाहिए ये जरुरी बातें
गणेश पूजा का समय
हल्दी, मेहंदी और फेरे की डेट
प्रतिभोज का समय और स्थान
वर-वधु के दादा-दादी माता और पिता का नाम।





