व्यापमं मामला: रात 2 बजे तक हुई सुनवाई, 3 मेडिकल कॉलेज डायरेक्टर की बेल खारिज

भोपाल.पीएमटी-2012 मामले में गुरुवार को सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में 592 आरोपियों के खिलाफ 1500 पन्नों की चार्जशीट पेश की। जांच एजेंसी ने पीपुल्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश एन. विजयवर्गीय, चिरायु के डॉ. अजय गोयनका, एलएन मेडिकल के जयनारायण चौकसे और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश भदौरिया समेत 245 नए चेहरों को आरोपी बनाया है। सभी को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किए गए थे। विजयवर्गीय समेत 20 लोगों की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी लगाई गई, जिसे रात 2:10 बजे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इससे पहले कोर्ट ने हाजिर 15 आरोपियों को जमानत दे दी। गैरहाजिर 200 के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है।व्यापमं मामला: रात 2 बजे तक हुई सुनवाई, 3 मेडिकल कॉलेज डायरेक्टर की बेल खारिज

स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ

– कोर्ट ने आरोपियों से 30 नवंबर तक पासपोर्ट भी जमा कराने को कहा है। कोर्ट ने कहा- “आरोपियों के इस काम से कितने मेहनतकश स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ, इसकी कल्पना भी कोर्ट नहीं कर सकता।”

– इंडेक्स, पीपुल्स, चिरायु और एलएन मेडिकल कॉलेजों पर सरकारी कोटे की 160 सीटें करोड़ों रुपए में बेचने का आरोप है।

भोपाल में पहली बार रात 2:10 बजे तक खुली कोर्ट

बता दें कि भोपाल में पहली बार इतनी रात तक कोर्ट खुली। इससे पहले इसी साल 31 अक्टूबर को पीएमटी 2013 की सुनवाई के दौरान रात 9 बजे तक स्पेशल जज एससी उपाध्याय की अदालत खुली थी।

रात 12:30 बजे से खारिज होना शुरू हुईं अर्जियां

पीपुल्स ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुरेश एन विजयवर्गीय, उनके दामाद और पीपुल्स ग्रुप के डायरेक्टर कैप्टन अंबरीश शर्मा, मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अशोक नागनाथ, डॉ. विजय कुमार पांडे, चिरायु मेडिकल कॉलेज के अजय गोयनका, एलएन मेडिकल कॉलेज मैनेजमेंट से जुड़े डॉ. डीके सत्पथी, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश सिंह भदौरिया, मेडिकल एजुकेशन के घोटाले के दौरान अफसर रहे एनएम श्रीवास्तव की अर्जी पर देर रात तक सुनवाई हुई। सभी की अर्जियां खारिज हो गईं।

इंडेक्स ने 97, बाकी 3 कॉलेजों ने 63 सीटें बेचीं

– सीबीआई के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सतीश दिनकर ने कोर्ट में कहा कि इंडेक्स कॉलेज ने सरकारी कोटे की 97 और पीपुल्स, एलएन और चिरायु मेडिकल कॉलेजों ने 63 सीटें करोड़ों रुपए में बेची।

– “ऐसे में, नाकाबिल स्टूडेंट्स को एडमिशन देकर काबिल स्टूडेंट्स का हक मारा गया। इससे समाज को जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई मुश्किल है।” जवाब में विजयवर्गीय के वकील ने कहा कि उन्हें आरोपी बनाया गया, लेकिन पूछताछ नहीं की गई। सीधे कोर्ट आने का नोटिस दे दिया।

आरोपियों के पास हाईकोर्ट जाने का रास्ता भी खुला

– सीबीआई की इसी अदालत में पेश होकर रेग्युलर बेल की अर्जी लगानी होगी। कोर्ट जेल भी भेज सकती है।
– गिरफ्तारी से बचने के लिए सभी आरोपी अग्रिम जमानत की अर्जी हाईकोर्ट में भी लगा सकते हैं।
– सीबीआई कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने पर भी अगर आरोपी अदालत में हाजिर नहीं होते हैं तो कोर्ट अरेस्ट वारंट भी जारी कर सकता है।

गड़बड़ी इस हद तक: जिन्होंने पीएमटी नहीं दी, उन्हें भी दे दिया एडमिशन

– फॉर्म में एक जैसे ई-मेल और मोबाइल नंबर समेत अन्य जानकारियां दी। इनकी फीस भी एक साथ एक ही कियोस्क से जमा हुई।
– जिन स्टूडेंट्स ने पीएमटी नहीं दी, उन्हें भी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने एडमिशन दे दिया।
– 10 लाख छात्रों के रिकाॅर्ड से ढूंढे 123 स्कोरर्स के पते-ठिकाने। एग्जाम फॉर्म में इनकी जानकारी फर्जी थी।

सीबीआई को रैकेटियर शिवहरे से मिला सुराग

– जून 2016 में सीबीआई ने कानपुर के काकादेव में कोचिंग संचालक रमेशचंद्र शिवहरे को गिरफ्तार किया था।
– उसी ने पीपुल्स कॉलेज समेत दूसरे कॉलेजों में सरकारी कोटे की सीटों में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा किया था।
– इसके बाद सीबीआई ने जून 2016 में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से डॉक्युमेंट्स भी बरामद किए थे।

क्या था घोटाला?

– पीएमटी में 2000 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ था।
– 5000 से ज्यादा स्टूडेंट्स पर इसका असर पड़ा, करियर तबाह हुआ।
– मामले में 500 पेरेंट्स समेत करीब 2000 आरोपी हैं।
– 80 लाख रुपए तक एमबीबीएस में दाखिले का रेट था।
– 1.5 करोड़ रुपए तक प्रीपीजी दाखिले के लिए वसूले गए।

Back to top button