वोटर लिस्ट की गहन जांच पर कांग्रेस का विरोध; चुनाव आयोग पर साधा निशाना

कांग्रेस ने गुरुवार को बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध करते हुए कहा कि इससे राज्य मशीनरी का उपयोग करके मतदाताओं के जानबूझकर सूची से बाहर होने का जोखिम है।
कांग्रेस के नेताओं और विशेषज्ञों के सशक्त कार्रवाई समूह (ईगल) ने एक बयान में कहा कि निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूचियों का यह पुनरीक्षण ऐसा इलाज है जो बीमारी से भी बदतर है।
कांग्रेस ने जताया विरोध
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर बयान साझा किया। बयान में नेताओं ने कहा कि बिहार और कुछ अन्य राज्यों में संशोधन की कवायद करके निर्वाचन आयोग ने स्वीकार किया है कि मतदाता सूचियों में सब कुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस बिहार चुनावों और उसके बाद अन्य राज्यों में चुनाव आयोग के गहन पुनरीक्षण प्रस्ताव का दृढ़ता से विरोध करती है।
कांग्रेस ने कहा, संशोधन का मतलब है कि चुनाव आयोग बिहार में हर घर का दौरा करेगा और पहचान व आवासीय दस्तावेज के सत्यापन के बाद हर पात्र मतदाता को फिर से नामांकित करेगा। सरल शब्दों में, चुनाव आयोग वर्तमान मतदाता सूची को पूरी तरह से खत्म करना चाहता है और राज्य के लिए एक नई मतदाता सूची बनाना चाहता है। लाखों संघ और राज्य सरकार के अधिकारी अब तय करेंगे कि किसके पास सही दस्तावेज हैं व किसके पास नहीं और आगामी बिहार चुनावों में किसे वोट देना है।