विस्तार से जानें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसे क्या दिया, छोटे किसानों से लेकर…
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के दूसरे चरण की घोषणाएं की। वित्त मंत्री ने गुरुवार को प्रवासी मजदूरों, छोटे किसानों, स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी वाले) के लिए 9 बड़े ऐलान किए। वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले 3 महीने में 86600 करोड़ रुपए के कर्ज बांटे गए, 25 लाख नए किसान कार्ड दिए गए हैं। किसानों को 31 मई तक कर्ज के ब्याज पर छूट दी गई है। कृषि क्षेत्र के लिए 86,600 हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया है। अपने राज्यों को लौटे प्रवासियों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। मजदूरों की दिहाड़ी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है। वित्तमंत्री सीतारमण ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कहा, छोटे कारोबारियों को मुद्रा योजना के तहत लिए 50 हजार के कर्ज पर ब्याज दो फीसदी की राहत दी जाएगी और इसके लिए 1500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
किसानों के लिए: 3 करोड़ किसानों को कृषि ऋण में अगले 3 महीने तक मिलेगी छूट। 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड सेंक्शन हुए, इनकी लोन लिमिट 25 हजार रुपये। पिछले मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए जिसकी कुल राशि 86600 करोड़ रुपया है जिससे कृषि क्षेत्र को बल मिला है। किसानों की फसल खरीद के लिए 6700 करोड़ रुपये, नाबार्ड में सहकारी बैंक ऑफ ग्रामीण बैंकों की मदद के लिए 28,500 करोड़ रुपये मार्च 2020 में दिए।
मजदूरों के लिए: वित्त मंत्री ने कहा, गांव वापस लौटने वाले मजदूरों के लिए मनरेगा में रोजाना मिलने वाले रकम को बढ़ाकर 202 रुपए रोजाना कर दिया गया। इसके लिए 10000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया ताकि वापस गए मजदूरों को काम मिल सके। प्रवासी मजदूरों की मदद मनरेगा के माध्यम से कैसे की जाए उसके लिए हम योजना लेकर आए हैं। 13 मई तक 14.62 करोड़ दिन जनरेट किए जा चुके हैं। 14.62 करोड़ कार्य दिवस का काम 13 मई 2020 तक उपलब्ध कराया गया है, 10 हजार करोड़ का खर्च हुआ है, काम जो ऑफर किया गया वो 2.33 करोड़, पिछले साल के मुकाबले 40 से 50 प्रतिशत अधिक लोगों को काम दिया गया।
देश में सभी मजदूरों को समान न्यूनतम वेतन देना होगा,10 मजदूरों से अधिक के उद्योगों को ईएसआईसी ESIC कवरेज जरूरी, मजदूरों को नियुक्ति पत्र भी मिलेंगे व वर्ष में एक बार हेल्थ चेकअप भी होगा।
प्रवासी मजदूरों के लिए तीन कदम- सभी प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त अनाज, कार्ड होल्डर्स को गेंहू चावल पहले ही मिलता है। निःशुल्क खाद्यान सभी प्रवासी मजदूरों के लिए, ऐसे मजदूर जिनके पास कार्ड नहीं है तो भी उन्हें अब 5 Kg चावल/गेंहूं और 1kg चना प्रति परिवार के दर से दो महीने तक मिलेगा।
साल में एक बार मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच भी होगी। जोखिम वाले क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए कानून लाएंगे। गिग वर्कर और प्लेटफॉर्म वर्कर के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना होगी।
One Nation One Ration Card स्कीम: देश में One Nation One Ration Card स्कीम यानी एक देश एक राशन कार्ड स्कीम लागू होगी। इसका फायदा यह होगा कि गरीब देश के किसी भी हिस्से में जाएं, उन्हें कार्ड से राशन मिल जाएगा। अब तक 67 करोड़ लाभार्थी को 23 राज्यों में इसके दायरे में लाएंगे, जो 83 फीसद है, मार्च 2021 तक इसे 100 प्रतिशत करेंगे।
स्ट्रीट वेंडर या रेहड़ी वालों के लिए: स्ट्रीट वेंडर या रेहड़ी वाले, खोमचेवालों की मदद के लिए 5 हजार करोड़ की सहायता उपलब्ध होगी, 10 हजार की प्रतिव्यक्ति सहायता उपलब्ध होगी, डिजिटल पेमेंट करने वालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, बेहतर भुगतान करने पर आगे अधिक ऋण सहायता मिल सकेगी।
गरीबों के लिए: शहरी गरीबों को 11,000 करोड़ रुपये की मदद की गई है। एसडीआरएफ के जरिए मदद दी जा रही। गरीबों के लिए बने शेल्टर होम में तीन वक्त का मुफ्त खाना। जिनके पास राशन कार्ड या कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं, चावल और एक किलो चना की मदद।
मुद्रा शिशु ऋण योजना: इस योजना के तहत 50 हजार रुपए का लोन लेने वाले लोगों को ब्याज में सहायता दी जाएगी, इन लोगों को 3 माह तक EMI भुगतान पर छूट दी गई थी, इसके बाद EMI पर 2 प्रतिशत की ब्याज सहायता अगले 12 महीने तक दी जाएगी, 3 करोड़ लाभार्थी होंगे।
शहरों में प्रवासी मजदूरों के लिए किफायती दामों पर अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स विकसित करेंगे, काम करने की जगह पर किराए पर घर मिल सकेंगे, पीएम आवास योजना के तहत ला सकते हैं, उद्योगपति अगर ऐसे घर बनाते हैं तो उन्हें इसका लाभ दिया जाएगा।
कॉर्पोरेटिव बैंक और रिजनल रुरल बैंक को मार्च 2020 नाबाड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई।
वित्त मंत्री ने कहा, बेशक लॉकडाउन है मगर सरकार काम कर रही है, गरीब हमारी प्राथमिकता में है। किसानों को 4 लाख करोड़ की मदद की गई है। 25 लाख नए किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। गरीब कल्याण योजना के जरिए भी मजदूरों की मदद की गई।
2014 में मोदी जी ने अपने सबसे पहले भाषण में कहा था कि ये उनकी सरकार है जो गरीबों के लिए सोचे, गरीबों की सुने, गरीबों के लिए जिए इसलिए नई सरकार देश के गरीबों युवाओं और महिलाओं को समर्पित है।
- सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग यानी MSME क्षेत्र में बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा। इससे 2 लाख यूनिट्स को साभ मिलेगा।
- MSME की परिभाषा बदल दी गई है। अब 1 करोड़ के निवेश और 5 करोड़ के टर्नओवर तक माइक्रो यूनिट ही रहेगा और MSME का दर्जा और फायदा मिलता रहेगा।
- EPF के लिए दी गई सहायता अगले 3 मई के लिए बढ़ा दी गई। यानी 15,000 रुपए से कम वेतन वालों का EPF अब अगस्त तक सरकार भरेगी।
- मौजूदा TDS व TCS दरों में 25 फीसदी की कटौती की गई है। यह कटौती गुरुवार से लागू हो गई। इससे 50,000 करोड़ रुपए लोगों की जेब में बचेंगे।
- इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख भी 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई है।