विवाद थमने के बाद उधमपुर के लिए ई-बस सेवा बहाल

उधमपुर के लिए जम्मू से ई-बस सेवा का संचालन फिर शुरू करने का निर्णय लिया गया है। बुधवार सुबह नौ बजे पहली बस जम्मू से उधमपुर के लिए रवाना होगी। बीते सप्ताह महिलाओं व स्थानीय युवकों ने अपने मनपसंद स्टॉप पर न उताने के बाद ई-बस के चालक व कंडक्टर के साथ अभद्रता की थी। इसके बाद स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने ई-बस संचालन रोक दिया था। मामले का पटाक्षेप होने के बाद बस सेवा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से संचालित की जा रही ई-बस सेवा में उधमपुर के लिए शहर से छह बसों का संचालन होता है। बीते सप्ताह चालक व कंडक्टर के साथ अभद्र व्यवहार की घटना के बाद बसें रोक दी गई थीं। स्मार्ट सिटी ई-बस सेवा के ऑपरेशन इंचार्ज नरेंद्र शर्मा ने बताया कि आमजन को यातायात में कोई परेशानी न हो इसके लिए बस सेवा दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

अभद्रता के मामले में उधमपुर थाने मेंं इंचार्ज की तरफ से घटना में शामिल महिलाओं व युवकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मंगलवार को शिकायत की गई। इंचार्ज ने कहा कि पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिया है। उम्मीद है कि घटना में पीड़ित कंडक्टर व चालक को न्याय मिलेगा।

ई रिक्शा जोन में चलाने का फैसला यूनियन को मंजूर नहीं

ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट्स वेल्फेयर यूनियन को उपायुक्त की ओर से ई-रिक्शा को जोनवार चलाने का फैसला मंजूर नहीं है। यह फैसला डीसी ने यूनियन को विश्वास में रखकर नहीं लिया है। 23 अक्तूबर तक नया आदेश नहीं आता है तो यूनियन की ओर से आगामी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

यह बात यूनियन के चेयरमैन कर्ण बजीर सिंह, अध्यक्ष विजय चिब और श्री माता वैष्णो देवी ई-रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष गौरव कपूर ने प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि डीसी ने आदेश जारी करते हुए यूनियन को विश्वास में लेकर फैसला लेने की बात कही है।

इसमें अध्यक्ष चिब ने सफाई देते हुए कहा कि यूनियन की ओर से बैठक में नहीं गए थे। पहले उपायुक्त की ओर से एक कमेटी गठित की गई थी। इसके सदस्य के रूप में बैठक में शामिल हुए। यूनियन की ओर से कोई भी पदाधिकारी मौजूद नहीं था। फैसला यूनियन की सहमति से नहीं लिया गया है।

उधर, गौरव कपूर ने कहा कि फैसला ई-रिक्शा चालकों को आहत करने वाला है। इससे ई-रिक्शा चालकों को नुकसान होगा। इस मसले पर आरटीओ से मुलाकात की जाएगी। यूनियन ने मांग की कि 23 अक्तूबर तक फैसले में बदलाव किया जाए और राहत दी जाए।

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