वियतनाम में अमेरिका ने 46 साल पहले जहां गिराए थे बम, वहीं मिले ट्रंप-किम

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बुधवार को उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से दूसरी मुलाकात वियतनाम में उसी जगह हुई जहां करीब  18 दिसंबर 1972 में अमेरिका के दो बी-52 लड़ाकू विमानों ने बम गिराए थे। इससे पहले ट्रंप और किम करीब 8 माह पहले 12 जून 2018 को सिंगापुर में पहली बार मिले थे। उसके बाद से उत्तर कोरिया ने कोई मिसाइल या परमाणु परीक्षण नहीं किया है। इससे पहले किम जोंग हाइड्रोजन समेत 6 परमाणु परीक्षण कर चुके थे। हनोई में दोनों की मुलाकात बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।वियतनाम में अमेरिका ने 46 साल पहले जहां गिराए थे बम, वहीं मिले ट्रंप-किम

किम मंगलवार को ट्रेन से 4 हजार किलोमीटर की यात्रा कर वियतनाम पहुंचे थे। इस दौरान उनकी ट्रेन चीन होकर गुजरी थी। चीन के नानिंग स्टेशन पर किम ने सिगरेट पी थी। वहीं, हनोई रवाना होने से पहले ट्रंप ने ट्वीट कर किम के साथ बातचीत सफल होने की बात कही थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि किम समझदारी भरा फैसला लेंगे। 

मुझे किसी तरह की जल्दी नहीं है। मैं किसी को टेस्ट करने भी नहीं जा रहा।’ दोनों ने हनोई के मेट्रोपोल होटल में मुलाकात के साथ पहली बार साथ में डिनर भी किया। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने ट्रंप के विमान एयरफोर्स वन में पत्रकारों को पहले ही बता दिया था कि दोनों नेता साथ में खाना भी खाएंगे। डिनर के दौरान उनके करीबी सलाहकार साथ रहे।

ट्रंप ने किम को बताया दोस्त, कहा- उत्तर कोरिया के पास महान बनने का मौका 

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता किम के साथ वार्ता से पहले कहा कि उत्तर कोरिया का भविष्य बहुत शानदार है, उसके पास वैश्विक आर्थिक विकास केंद्र और महान बनने का मौका है, बशर्ते उनका दोस्त अपने परमाणु हथियार त्यागने पर सहमत हो जाए। ट्रंप ने ट्वीट किया कि परमाणु हथियार छोड़ देने पर उत्तर कोरिया के पास ऐसे अवसर होंगे, जैसे इतिहास में किसी और देश के पास नहीं रहे हैं।

चीन ने कहा- ट्रंप और किम की बातचीत निरस्त्रीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण

वुझेन (चीन)। उत्तर कोरिया के एकमात्र सहयोगी देश चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को कहा कि ट्रंप और किम के बीच होने वाली बातचीत परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने और कोरियाई प्रायद्वीप में शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। गौरतलब है कि इस मुलाकात में चीन की अहम भूमिका बताई जा रही है। किम गत जनवरी में चीनी राष्ट्रपति से चौथी बार मिले थे।

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