वियतनाम की कंपनी ने पहले कर दिया निवेश, इसलिए उसे नहीं मिलेगा नई EV स्कीम का फायदा

लेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली वियतनाम की कंपनी Vinfast नई ईवी मैन्युफैक्चरिंग स्कीम का लाभ नहीं उठा सकेगी। यह कंपनी तमिलनाडु के थुथुकुडी में करीब 16,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। 15 मार्च 2024 को घोषित ‘स्कीम टू प्रमोट मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पेसेजंर कार्स इन इंडिया’ (SPMEPCI) के गाइडलाइंस आज ही जारी किए गए हैं।
क्यों क्ववालीफाई नहीं करेगी विनफास्ट
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस स्कीम (India EV policy) का लाभ लेने के लिए मंजूरी प्राप्त करने की तारीख के बाद निवेश होना चाहिए। उपकरण और मशीनरी आदि का इस्तेमाल ‘स्वीकृत आवेदक’ बनने के बाद होगा, तभी इस स्कीम में आवेदन किया जा सकता है। इस स्कीम के तहत आवेदन का विंडो दो हफ्ते में खुलने की संभावना है। यह विंडो 120 दिन या उससे अधिक समय के लिए खुला रहेगा।
क्वालीफाई करने के लिए नया निवेश करना पड़ेगा
अधिकारी ने बताया कि विनफास्ट अपने निवेश को पहले ही कैपिटलाइज कर चुकी है, इसलिए वह इस स्कीम के तहत लाभ के लिए क्वालीफाई नहीं करेगी। इस स्कीम में क्वालीफाई करने के लिए उन्हें कम से कम 4150 करोड़ रुपये का नया निवेश करना पड़ेगा। विनफास्ट अपने पुराने निवेश को इस स्कीम में शामिल करने का आग्रह कर रही है, लेकिन हम उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
तमिलनाडु में प्लांट लगा रही है विनफास्ट
विनफास्ट वियतनाम के विन ग्रुप की इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली इकाई है।
यह तमिलनाडु के थुथुकुडी में दो अरब डॉलर के निवेश से प्लांट लगा रही है।
भारत में अपने बिजनेस के विस्तार के लिए यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में की सरकारों के साथ भी बात कर रही है।
कंपनी इस साल त्योहार से पहले अपने VF7 और VF6 मॉडल लॉन्च करना चाहती है। भारत में इसका हर साल डेढ़ लाख ईवी उत्पादन का लक्ष्य है। कंपनी यहां से मध्य पूर्व और अफ्रीका को निर्यात भी करेगी।