विधानसभा: ‘बिना किसी दबाव के सरकार बनाने के लिए तमिलनाडु में लगे राष्ट्रपति शासन’

नई दिल्ली। तमिलनाडु विधानसभा में शक्ति परीक्षण को लेकर एआईएडीएमके पार्टी के दोनों खेमों पर देशभर की नजर लगी हुई है और सभी इस बात को लेकर कयास लगा रहे हैं कि आखिर पलानीस्वामी सदन में अपना बहुमत पेश कर पाएंगे या नहीं।

विधानसभा: 'बिना किसी दबाव के सरकार बनाने के लिए तमिलनाडु में लगे राष्ट्रपति शासन'

तो वहीं, दूसरी तरफ शशिकला के आय से अधिक संपत्ति केस में विशेष पब्लिक प्रोसक्यूटर रहे बीवी आचार्य ने राज्य में फौरन राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। बीवी आचार्य ने कहा कि आप इसे विधानसभा में स्वतंत्र वोटिंग नहीं कह सकते हैं क्योंकि विधायकों को रिजॉर्ट के अंदर रखा गया है।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल को कम से कम दो या तीन महीने के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए ताकि स्थिति सामान्य हो सके और विधायक किसी तरह के खतरे का अपने ऊपर दबाव महसूस ना करे। आचार्य ने कहा कि मैं इस बात की अपील करता हूं कि स्पीकर को गुप्त मतदान कराना चाहिए ताकि कम से कम विधायक वोटिंग करते वक्त बिना किसी भय के वोट कर सके।

गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शशिकला ने जेल जाने से पहले अपने करीबी पलानीसामी को विधायक दल का नेता बना दिया। जिसके बाद पलानीसामी ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल सी.

विद्यासागर राव के सामने विधायकों के समर्थन का दावा जताते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया था। जिसके बार राज्यपाल ने पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाते हुए उनसे पन्द्रह दिनों के भीतर सदन में अपनी बहुमत पेश करने को कहा था।

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