विचार मंथन : झूठे शब्द सिर्फ खुद में बुरे नहीं होते, बल्कि वो आपकी आत्मा को भी बुराई से संक्रमित कर देते हैं- दार्शिनक सूकरात

आलस्य में जीवन बिताना आत्महत्या के समान है । दोस्ती करने में धीमे रहिये, पर जब कर लीजिये तो उसे मजबूती से निभाइए और उस पर स्थिर रहिये । चाहे जो हो जाये शादी कीजिये अगर अच्छी पत्नी मिली तो आपकी ज़िन्दगी खुशहाल रहेगी, अगर बुरी पत्नी मिलेगी तो आप दार्शनिक बन जायेंगे । जीवनभर ज्ञानार्जन के बाद मैं केवल इतना ही जान पाया हूं कि मैं कुछ भी नहीं जान पाया हूं । जहाँ सम्मान है वहां डर है, पर ऐसी हर जगह सम्मान नहीं है जहाँ डर है, क्योंकि संभवतः डर सम्मान से ज्यादा व्यापक है । अधिकतर आपकी गहन इच्छाओं से ही घोर नफरत पैदा होती है । एक ईमानदार आदमी हमेशा एक बच्चा होता है ।
मृत्यु संभवतः मानवीय वरदानो में सबसे महान है । सौंदर्य एक अल्पकालिक अत्याचार है । ज़िन्दगी नहीं, बल्कि एक अच्छी ज़िन्दगी को महत्ता देनी चाहिए । मूल्यहीन व्यक्ति केवल खाने और पीने के लिए जीते हैं, मूल्यवान व्यक्ति केवल जीने के लिए खाते और पीते हैं । हर व्यक्ति की आत्मा अमर होती है, लेकिन जो व्यक्ति नेक होते हैं उनकी आत्मा अमर और दिव्य होती है । हमारी प्रार्थना बस सामान्य रूप से आशीर्वाद के लिए होनी चाहिए, क्योंकि भगवान जानते हैं कि हमारे लिए क्या अच्छा है । मैं सभी जीवित लोगों में सबसे बुद्धिमान हूँ, क्योंकि मैं ये जानता हूँ कि मैं कुछ नहीं जानता हूँ । इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वो बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं । अपना समय औरों के लेखों से खुद को सुधारने में लगाइए, ताकि आप उन चीजों को आसानी से जान पाएं जिसके लिए औरों ने कठिन मेहनत की है ।
झूठे शब्द सिर्फ खुद में बुरे नहीं होते, बल्कि वो आपकी आत्मा को भी बुराई से संक्रमित कर देते हैं । सिर्फ जीना मायने नहीं रखता, सच्चाई से जीना मायने रखता है । वो सबसे धनवान है जो कम से कम में संतुष्ट है, क्योंकि संतुष्टि प्रकृति कि दौलत है । सच्चा ज्ञान केवल यह जानने में है की आप कुछ नहीं जानते है । बिना जांचे हुए जीवन का कोई मूल्य नहीं है । ना मैं एथेनियन और न ही एक ग्रीक, बल्कि मैं विशव का एक नागरिक हूँ । वो दूसरों के साथ कभी ना करे जो यदि दूसरा आप के साथ करे तो आपको गुस्सा आए । प्रत्येक कार्ये की अपनी ख़ुशी और अपना मूल्य होता हैं । केवल एक अच्छाई है ज्ञान और एक बुराई है अज्ञान । स्वयं को जानने के लिए स्वयं के बारे में सोचो । मजबूत दिमाग वाले विचारों पर, साधारण दिमाग वाले घटनाओ पर जबकि निम्न दिमाग वाले लोगों पर चर्चा करते हैं ।