वामन जयंती पर बन रहे कई योग

04 सितंबर 2025 के अनुसार आज भगवान विष्णु जी की पूजा-अर्चना की जा रही है। साथ ही परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण भी किया जाएगा। व्रत का पारण करने से साधक का व्रत सफल होता है। ऐसे में आइए एस्ट्रोलॉजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज के शुभ-अशुभ योग और राहुकाल के समय के बारे में।
आज यानी 04 सितंबर को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इसी तिथि पर परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। साथ ही वामन जयंती, भुवनेश्वरी जयंती और कल्की द्वादशी का पर्व भी मनाया जा रहा है। इस दिन परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण करने के बाद मंदिर या गरीब लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करें। इस दिन कई शुभ-अशुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
तिथि: शुक्ल द्वादशी
मास पूर्णिमांत: भाद्रपद
दिन: गुरुवार
संवत्: 2082
तिथि: द्वादशी रात 04 बजकर 08 मिनट तक
योग: सौभाग्य 03 बजकर 22 मिनट तक
करण: बव शाम 04 बजकर 20 मिनट तक
करण: 5 सितंबर को बालव सुबह 04 बजकर 08 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 39 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: शाम 04 बजकर 36 मिनट पर
चन्द्रास्त: 05 सितंबर को देर रात 03 बजकर 10 मिनट पर
सूर्य राशि: सिंह
चंद्र राशि: मकर
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 55 मिनट से सुबह 12 बजकर 45 मिनट तक
अमृत काल: शाम 05:10 बजे से शाम 06 बजकर 49 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
राहुकाल: दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 03 बजकर 29 मिनट तक
गुलिकाल: सुबह 09 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक
यमगण्ड: सुबह 06 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 35 मिनट तक
आज चंद्रदेव उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में रहेंगे…
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र: रात्रि 11 बजकर 44 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: परिश्रमी, धैर्यवान, मजबूत, गठीला शरीर, लंबी नाक, तीखे नयन-नक्श, दयालु, अच्छे भोजन और संगति के शौकीन, ईमानदार, विश्वसनीय, बुद्धिमान और दूरदर्शी
नक्षत्र स्वामी: सूर्य
राशि स्वामी: बृहस्पति, शनि
देवता: विश्वदेव (अप्रतिद्वंद्वी विजय के देवता)
प्रतीक: हाथी का दांत या छोटा बिस्तर