वसुंधरा राजे पहुंची विधानसभा, कांग्रेस विधायक कानून व्यवस्था के विरोध में वेल में उतरे

राजस्थान विधानसभा में कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस विधायकों ने वेल में उतरकर नारेबाजी की। पूर्व CM वसुंधरा राजे भी सदन में पहुंचीं। खाद संकट पर टीकाराम जूली के सवाल पर कृषि मंत्री ने दो गोदाम सील करने की बात कही।

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी पहुंची। वसुंधरा राजे ने जिस अंदाज में अपनी सियासी सक्रियता बढ़ाई है उसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं। इधर कांग्रेस विधायकों का विरोध प्रदर्शन सदन के भीतर भी जारी रहा। कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था को लेकर पहले सदन के बाहर नारेबाजी की। इसके बाद सदन में प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। चौमू से कांग्रेस विधायक शिखा बराला और नीमकाथाना से सुरेश मोदी ने स्थगन प्रस्ताव पर 2 मिनट बोलते हुए सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर विफल होने के अरोप लगाए। शिखा बराला ने कहा कि अपराधाें के मामले में जयपुर ने देश के दूसरे शहरों को पीछे छोड़ दिया है। यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं है। दिन दहाड़े चैन स्नैचिंग हो रही है। बीजेपी विधायकों ने विरोध किया तो कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए।

विधानसभा में खाद संकट पर सवाल-जवाब: टीकाराम जूली ने उठाए सवाल, कृषि मंत्री ने दिया जवाब

वहीं प्रश्नकाल दौरान खाद संकट और कालाबाजारी के मुद्दे पर भी जोरदार बहस देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूरक सवाल करते हुए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा से पूछा कि उन्होंने फैक्ट्रियों पर छापे तो मारे, लेकिन कितने मिलावटखोरों को जेल भेजा गया? उन्होंने मुख्यमंत्री की भरतपुर बैठक का हवाला देते हुए पूछा, “सीएम ने बैठक की, लेकिन उसका क्या नतीजा निकला?” इसके जवाब में कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि दो कंपनियों के गोदाम, जो टैगिंग से भरे थे, उन्हें सील कर दिया गया है। उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा, “हमें विपक्ष का भी साथ चाहिए ताकि कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई हो सके।” मीणा ने बताया कि भरतपुर में भी चूरू की तरह ही खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। “प्रदेश में किसी भी जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। केवल डीएपी की थोड़ी बहुत कमी है। लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आगे किसी भी प्रकार की खाद की कमी ना हो।” उन्होंने कहा कि डीएपी की कमी वैश्विक कारणों, विशेषकर यूक्रेन युद्ध और जियोपॉलिटिकल परिस्थितियों की वजह से आई है। “यूरिया की प्रदेश में कोई कमी नहीं है, और हम हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करेंगे।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button