लोकसभा ने पास किए राज्यसभा के मुकाबले ज्यादा विधेयक, ये अहम बिल हुए पारित
संसद का मानसून सत्र कई अहम मामलों के कारण ऐतिहासिक साबित हुआ। इसी सत्र के दौरान नए राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का निर्वाचन हुआ। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने संबंधी बिल पर सरकार को किरकिरी झेलनी पड़ी, जबकि कांग्रेस के लोकसभा के छह सदस्यों को 5 दिनों का निलंबन झेलना पड़ा।
सत्र की 19 बैठकों में दोनों सदनों ने 13 बिलों को मंजूरी दी। मगर सरकार मोटर वाहन जैसे कई अहम बिल को कानूनी जामा नहीं पहना पाई। सत्र की विशेषता वस्तु एवं सेवा कर का दायरा जम्मू-कश्मीर राज्य तक बढ़ना भी रहा।
संसद के मानसून सत्र ने देश में बदली राजनीतिक फिजां का भी अहसास कराया। इस दौरान भाजपा पहली बार देश के दो शीर्ष संवैधानिक पदों को कांग्रेस मुक्त करने में कामयाब रही।
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इसी सत्र के दौरान प्रणब मुखर्जी की जगह रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति तो हामिद अंसारी की जगह वेंकैया नायडू उप राष्ट्रपति बने। नायडू ने सत्र के अंतिम दिन राज्यसभा में कार्यवाही का संचालन भी किया।
ओबीसी बिल पर किरकिरी
सत्र में भाजपा को अपने सबसे महत्वाकांक्षी संविधान संशोधन बिल को सांसदों-मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण मूल स्वरूप में पारित कराने में असफल रहने पर किरकिरी झेलनी पड़ी। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए पेश किए गए संविधान संशोधन बिल पर कांग्रेस ने संशोधन पारित करा कर सरकार की रणनीति पर पानी फेर दिया। इस कारण सरकार को यह बिल वापस लेना पड़ा।
कई मुद्दों पर हुई तीखी बहस
मानसून सत्र गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या, किसानों की समस्या समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर तीखी बहस का गवाह बना। गोरक्षा के नाम पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। इस दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर हमला मामले में भी दोनों सदनों में जबर्दस्त नोंकझोंक हुई। हंगामे के कारण लोकसभा का 30 फीसदी तो राज्यसभा का 27 फीसदी समय बर्बादी की भेंट चढ़ा।
ये बिल हुए पारित
फुटवीयर डिजाइन, डेवलटमेंट इंस्टिट्यूट, समुद्री दावा, कलेक्शन ऑफ स्टेटिटिक्स संशोधन, एनआईटी विज्ञान, शिक्षा, अनुसंधान संशोधन, आईआईटी पीपीपी, मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा संशोधन, आईआईटी संशोधन, बैकिंग रेगुलेशन संशोधन, विनियोग बिल तीन, विनियोग बिल 4, सीजीएसटी का जम्मू कश्मीर विस्तार, आईजीएसटी का जम्मू कश्मीर विस्तार, पंजाब नगर निगम कानून का चंडीगढ़ तक विस्तार बिल शामिल हैं।