लैंड पूलिंग पॉलिसी: हाईकोर्ट के फैसले के बाद विरोधी मुखर, सरकार समीक्षा में जुटी…

लैंड पूलिंग पॉलिसी पर आखिरकार वही हुआ जो विरोधी दल चाहते थे। क्योंकि हाई कोर्ट ने सरकार की इस नीति पर अगले फैसले तक रोक लगा दी है। ऐसे में विरोधी दलों ने आप सरकार पर निशाना साधा है।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने लैंड पूलिंग पॉलिसी पर रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद विरोधी दल मुखर हो गए हैं। भाजपा, शिअद और कांग्रेस ने आप पर निशाना साधा है। हालांकि अदालत के संबंधित आदेशों की समीक्षा के बाद आप अपना अगला कदम तय करेगी, लेकिन फिलहाल विरोधियों को आप सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। ये विरोधी दल कई दिनों से इस मुद्दे पर जमकर सियासत करते हुए किसानों का समर्थन जुटाने के लिए सड़कों पर उतरे हुए थे। विभिन्न जिलों में किसान और सियासी दल अलग-अलग प्रदर्शन कर रहे थे। उधर आपका दावा है कि लैंड पूलिंग नीति अधिग्रहण नहीं बल्कि एक स्वैच्छिक योजना है।

नीति वापस ले सरकार- भाजपा
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने लैंड पूलिंग नीति पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। जनहित के लिए हानिकारक नीतियों के संबंध में सरकार के असफल मुकद्दमों के इतिहास को देखते हुए यह संभावना है कि किसानों की जमीन अधिग्रहण की यह पहल न्यायिक जांच में टिक नहीं पाएगी। नतीजतन, इस मामले में भी सरकार को हार का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, मुख्यमंत्री के लिए यह समझदारी होगी कि वे दिल्ली के हितों को त्यागकर पंजाब की भावनाओं को समझते हुए इस नीति को वापस ले लें। -सुनील जाखड़, प्रदेशाध्यक्ष, पंजाब भाजपा

अब तो बैकफुट पर आना चाहिए : कांग्रेस
किसानों की चिंताएं सही और न्यायोचित साबित हुई हैं। आशा करते हैं कि आदेशों के बाद सत्ताधारी ताकतों के बीच बेहतर समझ मजबूत होगी और वे इस पॉलिसी को वापस लेने के कारणों को समझेंगे। हम पहले ही कह चुके हैं कि हम सभी कानूनी, वैध और लोकतांत्रिक तरीकों का उपयोग करके सरकार को इस नीति को वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं। इस फैसले के बाद आप को बैकफुट पर आना चाहिए। -अमरिंद्र सिंह राजा वड़िंग, अध्यक्ष, पंजाब प्रदेश कांग्रेस

फैसले को समझने की जरूरत : शिअद
हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। पूरे प्रदेश में इस नीति के खिलाफ धरने और प्रदर्शनों का दौर जारी था मगर उसके बावजूद आप सरकार संज्ञान नहीं ले रही थी। क्योंकि सरकार पर दिल्ली का दबाव था। अब देखनाहोगा कि मान सरकार इस फैसले को समझने की कोशिश करती है या नहीं। दिल्ली का दबाव बढ़ा तो मान सरकार इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जरूर पहुंचेगी, लेकिन सीएम को समझना चाहिए कि ये पॉलिसी पंजाबियत व किसानों को खत्म करने की कोशिश है। इसलिए सीएम मान इसे खुद रद कर दें। -डॉ. दलजीत सिंह चीमा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, शिअद

फैसले की समीक्षा के बाद लेंगे निर्णय : महाधिवक्ता
पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में लैंड पूलिंग नीति पर अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया कि यह नीति किसी भी प्रकार से भूमि अधिग्रहण के लिए नहीं है। यह पूरी तरह से एक स्वैच्छिक योजना है, जिसके तहत भूमि मालिकों को पंजाब के विकास में सीधे तौर पर भाग लेने का अवसर दिया गया है। सरकारी पक्ष ने बहस के दौरान अदालत को बताया कि कोई भी भूस्वामी (किसान), चाहे वह दो एकड़ का हो या चार एकड़ का, जो इस योजना में अपना योगदान देना चाहता है, उसका स्वागत है। बदले में सरकार उन्हें विकसित भूखंड के लिए लेटर ऑफ इंटेंट जारी करेगी। सरकार का उद्देश्य किसी पर दबाव डालना नहीं, बल्कि लोगों की सहमति से क्षेत्र का सुनियोजित विकास करना है। आदेश की प्रति प्राप्त होते ही एजी कार्यालय की टीम इस पर गहन विचार-विमर्श करेगी।

इसकी समीक्षा के बाद ही सरकार इस मामले में आगे की रणनीति और कार्रवाई पर अंतिम फैसला लेगी। -जसतेज सिंह, सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता

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