लैंड पूलिंग पॉलिसी में संशोधन: प्रोजेक्ट शुरू होने तक किसान अपनी जमीन पर कर सकेगा खेती

योजना में शामिल होने की सहमति पर भी 50 हजार का चेक मिलेगा। लैंड पूलिंग स्कीम में किसानों के लिए बंपर घोषणाएं की गई हैं। किसान को मिलने वाले एक लाख किराये में हर साल 10 फीसदी इजाफा होगा।
सीएम भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में मंगलवार को चंडीगढ़ में उनके सरकारी आवास पर कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक के बाद सीएम मान ने बताया कि लैंड पूलिंग पॉलिसी किसानों के हक में बनाई गई है। किसान इसको समर्थन दे रहे हैं। विपक्ष की और से अफवाह फैलाई जा रही है कि जहां नोटिफिकेशन हो जाएगा, वहां रजिस्ट्री बंद हो जाएगी।
सीएम ने कहा कि लैंड पूलिंग की नोटिफिकेशन में रजिस्ट्री पर रोक नहीं लगेगी। लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर जब किसानों और स्टेक होल्डरों से बात की गई तो उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं। सीएम मान ने कहा कि पॉलिसी में अब यह संशोधन किया गया है कि जब तक किसान से ली गई जमीन पर प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो जाता, तब तक किसान उस जमीन पर खेती कर सकता है। सरकार के जमीन का कब्जा लेने के बाद एक लाख रुपये प्रति एकड़ और हर साल मुआवजा दस प्रतिशत के साथ बढ़ेगा।
लैंड पूलिंग पालिसी के तहत प्लाट मिलने तक किसान को सरकार एक लाख रुपये सालाना देगी। कांग्रेस सरकार के समय 20 हज़ार मिलते थे। किसान को मिलने वाले किराये में पांच गुना बढोतरी की गई है। योजना में शामिल होने की सहमति पर भी 50 हजार का चेक मिलेगा।
लैंड पूलिंग स्कीम में किसानों के लिये बंपर घोषणाएं की गई हैं। किसान को मिलने वाले एक लाख किराये में हर साल 10 फीसदी इजाफा होगा।
सीएम मान ने कहा कि अगर किसान व्यवसायिक जमीन नहीं लेना चाहता तो इसे तीन गुना बढ़ाकर रिहायशी प्लॉट मुहैया कराया जाएगा। जमीन पर लेटर ऑफ इंटेंट जारी करने के बाद किसान को बैंक से लोन भी मिल सकेगा। हरियाणा में 48 हजार एकड़ है और पंजाब में सिर्फ 25 हजार एकड़ में कालोनी बनी है। सीएम मान ने एसजीपीसी के सवाल का जवाब दिया कि क्या इन्होंने कॉपी राइट ले रखा है।