ले.जनरल मनोज कटियार ने पाकिस्तान को दिया संदेश, बोले- ऑपरेशन सिंदूर से बड़ा एक्शन संभव

राम प्रहार युद्धाभ्यास के अंतिम दिन लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान की किसी हिमाकत की सूरत में सेना ऑपरेशन सिंदूर से बड़ी कार्रवाई को तैयार है। युद्धाभ्यास में सीमा पार कब्जे, नदियों को पार करने और आधुनिक तकनीक के उपयोग का अभ्यास किया गया।

पाकिस्तान के किसी दुस्साहस की सूरत में सेना ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण से कहीं अधिक कड़ा जवाब देने की तैयारी कर रही। हरिद्वार के दुर्गम इलाकों में युद्धाभ्यास राम प्रहार के अंतिम दिन सेना की पश्चिमी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन का अच्छा खासा नुकसान हुआ था।

हालांकि, हम जानते हैं कि दुश्मन फिर से ऐसा कुछ कर सकता है, जिससे यह ऑपरेशन फिर शुरू करना पड़े। उन्होंने कहा कि हमने नदियां पार कर दुश्मन के इलाके पर कब्जा करने का अभ्यास भी किया है, क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ जमीनी कार्रवाई में सेना को चेनाब, रावी और सतलुज जैसी नदियां पार करनी होंगी।

युद्ध में तकनीक का योगदान, पर प्रशिक्षण अहम

लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने कहा कि पश्चिमी कमान अंतर्गत राम डिविजन एक महीने से यहां युद्धाभ्यास कर रहा। इसका उद्देश्य पाकिस्तानी क्षेत्र में घुसकर सामरिक ठिकानों पर कब्जा करना है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध में तकनीक का बड़ा योगदान है, लेकिन प्रशिक्षण सबसे महत्वपूर्ण है। युद्ध भले कई क्षेत्रों में लड़ा जाएगा, लेकिन जीत केवल जमीन के युद्ध से हासिल होगी। चाहे 1965 का युद्ध हो या 1971 का। पाकिस्तान हमारी जीत, तब तक स्वीकार नहीं करेगा, जब तक हम उसकी जमीन पर कब्जा न कर लें। हम हर तरह के युद्ध की तैयारी कर रहे, लेकिन अंतिम विजय जमीन पर कब्जे से तय होती है।

ऑपरेशन सिंदूर से बड़ी कार्रवाई

जनरल कटियार ने कहा कि दुश्मन हमारी ताकत देखकर सबक ले और दोबारा चुनौती न दे तो यह सबसे अच्छी स्थिति होगी। अन्यथा इस बार ऑपरेशन सिंदूर से बड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने गंगा तट पर खड़े होकर कहा कि किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले मां गंगा का आशीर्वाद आवश्यक है। हमें विश्वास है कि मां गंगा का आशीर्वाद हमारे साथ है।

एआई का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा…

जनरल कटियार ने कहा कि निगरानी और निर्णय क्षमता जैसे क्षेत्रों में भी एआई का इस्तेमाल किया जा रहा और इसे भविष्य में और बढ़ाया जाएगा। सेना सभी प्रकार के युद्ध- साइबर, रासायनिक, परमाणु और जैविक- के लिए तैयार है। यहां इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर उपकरण स्वदेशी हैं। अधिकांश ड्रोन भी सेना की अपनी कार्यशालाओं में बनाए गए हैं।

मिनटों में पार हो गई नदी की बाधा

इंजीनियर रेजिमेंट की टीमों ने नदी पार कराने वाली सैन्य पुल प्रणाली का अभ्यास किया। जवानों ने मिनटों में तैनाती की तैयारी करते हुए दिखाया कि वास्तविक युद्ध में सेना कितनी तेजी से नदी जैसी बाधा को पार कर सकती है। मैदान के दूसरी ओर आर्टिलरी यूनिटों की तैनाती ने दृश्य को और अधिक जीवंत कर दिया। मानो सिर्फ आदेश का इंतजार हो और पल भर में गोले दाग दिए जाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button