लाहौल-स्पीति के शीत मरुस्थल को बायोस्फीयर रिजर्व का दर्जा, वैश्विक मान्यता पर पीएम मोदी ने दी बधाई

यह संयुक्त राष्ट्र निकाय की ओर से नामित 20 देशों के 26 नए बायोस्फीयर रिजर्वों में से एक है, जिनकी घोषणा संगठन ने शनिवार को की। पीएम मोदी ने बधाई दी है।
यूनेस्को ने ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में ऊंचाई पर स्थित भारत के शीत मरुस्थल बायोस्फीयर रिजर्व को मान्यता दे दी है। यह संयुक्त राष्ट्र निकाय की ओर से नामित 20 देशों के 26 नए बायोस्फीयर रिजर्वों में से एक है, जिनकी घोषणा संगठन ने शनिवार को की। पीएम मोदी ने बधाई दी है।
यूनेस्को के अनुसार, शीत मरुस्थल बायोस्फीयर रिजर्व हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के मनोरम परिदृश्य में लगभग 7,770 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह हवा से बहने वाले पठारों, हिमनद घाटियों, अल्पाइन झीलों और ऊबड़-खाबड़ उच्च-ऊंचाई वाले रेगिस्तानों को समेटे हुए है। यह बायोस्फीयर रिजर्व के वैश्विक नेटवर्क में सबसे ठंडे और शुष्क पारिस्थितिक तंत्रों में से एक है।
142 देशों में 785 स्थल सूचीबद्ध
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने एक बयान में कहा, विश्व बायोस्फीयर रिजर्व नेटवर्क में अब 142 देशों के 785 स्थल शामिल हो गए हैं। 2018 से अब तक एक मिलियन वर्ग किलोमीटर अतिरिक्त प्राकृतिक क्षेत्र को संरक्षण में लाया गया है, जो दक्षिण अमेरिकी देश बोलीविया के आकार के बराबर है।
जैव विविधता संरक्षण के लिए भारत प्रतिबद्ध
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया में कहा, भारत के शीत मरुस्थल बायोस्फीयर रिजर्व को विश्व बायोस्फीयर रिजर्व नेटवर्क में शामिल करने का निर्णय शनिवार को पेरिस में आयोजित यूनेस्को की अंतरराष्ट्रीय मानव एवं बायोस्फीयर समन्वय परिषद (एमएबी) के 37वें सत्र में लिया गया।
बिहार के दो जलाशयों को मिला रामसर साइट का दर्जा
बिहार के बक्सर जिले में स्थित गोकुल जलाशय और पश्चिम चंपारण जिले की उदयपुर झील को अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि यानी रामसर साइट का दर्जा मिल गया है। इसके साथ ही बिहार में ऐसे स्थलों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है और देश में 93 रामसर स्थल हो गए हैं। ये सभी स्थल लगभग 13,60,719 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हैं।
यह उपलब्धि जैव विविधता संरक्षण, जलवायु संतुलन और सतत आजीविका के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को बिहार को दो और रामसर साइट का तोहफा मिलने की खबर सोशल मीडिया में साझा की। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, बहुत ही अच्छी खबर! आर्द्रभूमियां सतत विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
बिहार के लोगों को विशेष धन्यवाद, जो विचार और व्यवहार दोनों से यह दिखा रहे हैं कि पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी कैसे बनें।





