लाल किले से पीएम मोदी ने की RSS की जमकर तारीफ

आजादी के 79वें जश्न के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की जमकर तारीफ की। उन्होंने RSS के 100 साल पूरे होने पर इसे दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन (NGO) बताया और राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान को सराहा। पीएम ने कहा कि RSS ने सौ साल तक मां भारती की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया है।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “आज मुझे गर्व है कि 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ था – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। राष्ट्र सेवा के सौ साल का इतिहास एक सुनहरा अध्याय है। ‘व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण’ के संकल्प के साथ, मां भारती के कल्याण के लिए स्वयंसेवकों ने अपना जीवन समर्पित किया। यह दुनिया का सबसे बड़ा NGO है, जिसके पास सौ साल की निष्ठा और समर्पण का इतिहास है।”
‘भारत बनेगा विश्व शांति का दूत’
इस बीच, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर उत्कल बिपन्न सहायता समिति में तिरंगा फहराया। इस मौके पर उन्होंने भारत को एक अनोखा देश बताया, जिसका मकसद विश्व में शांति और सुख फैलाना है। भागवत ने कहा, “भारत एक अनूठा देश है। हमारा उद्देश्य विश्व में शांति और खुशी लाना है और अपने धर्म को दुनिया के साथ बांटना है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी आजादी का मकसद था कि हमारे देश में हर शख्स को सुख, हिम्मत, सुरक्षा, शांति और सम्मान मिले। आज दुनिया डगमगा रही है। पिछले 2000 सालों में कई प्रयोग हुए, लेकिन समस्याओं का हल नहीं मिला। हमारा फर्ज है कि हम दुनिया को अपने धर्म और दृष्टिकोण के आधार पर एक नई दुनिया बनाएं, जो सुख और शांति से भरी हो।”
पीएम मोदी ने लाल किले पर 12वीं बार फहराया तिरंगा
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया और 79वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया।
उनकी अगवानी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्य मंत्री संजय सेठ और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने की। इस मौके पर नेशनल फ्लैग गार्ड, भारतीय वायुसेना, थलसेना, नौसेना और दिल्ली पुलिस के 128 जवानों ने सलामी दी। विंग कमांडर अरुण नागर ने इस सलामी गारद की अगुवाई की।
इस साल लाल किले पर करीब 5,000 खास मेहमानों ने समारोह देखा। इनमें स्पेशल ओलंपिक 2025 की भारतीय टीम, अंतरराष्ट्रीय खेलों के विजेता, खेलो इंडिया पैरा गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता और राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन के तहत प्रशिक्षित और आर्थिक मदद पाने वाले बेहतरीन किसान शामिल थे।