लापता टेंट हाउस कर्मचारी का शव संदिग्ध हालात में खेत से बरामद

मुजफ्फरपुर जिले के पानापुर थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब एक युवक का शव एनएच-28 के किनारे एक मक्के के खेत में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। मृतक की पहचान पानापुर गांव निवासी सोनू दास के रूप में हुई है, जो एक टेंट हाउस में मजदूरी करता था। सोनू सोमवार की रात एक शादी समारोह में टेंट लगाने का काम करने गया था और उसके बाद से लापता था।

सुबह खेत में शव मिलने की सूचना मिलते ही परिजन और स्थानीय ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए। शव की पहचान होते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। परिजनों ने साफ तौर पर हत्या की आशंका जताई है और टेंट हाउस संचालकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सोनू की हत्या कर उसका शव खेत में फेंक दिया गया।

ग्रामीणों ने जाम किया एनएच-28 फोरलेन जाम
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मुजफ्फरपुर-मोतिहारी फोरलेन को जाम कर दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस अगर समय पर कार्रवाई करती तो सोनू की जान बच सकती थी। प्रदर्शन के कारण एनएच-28 पर यातायात प्रभावित रहा और मौके पर अफरातफरी की स्थिति बन गई।

फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही पानापुर थाना प्रभारी अभिषेक कुमार गुप्ता अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है और पूरे मामले की जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। प्रारंभिक जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया गया है। थाना प्रभारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। परिजनों द्वारा लिखित शिकायत देने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

परिजनों ने टेंट हाउस मालिक पर लगाए आरोप
मृतक के परिजनों ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि सोनू बीते चार वर्षों से एक टेंट हाउस में काम करता था। वह सोमवार को भी शादी समारोह में काम करने गया था, लेकिन रात भर घर नहीं लौटा। सुबह जब उसका शव खेत में पड़ा मिला, तो यह साफ हो गया कि उसकी हत्या कर शव को वहां फेंका गया है।

परिजनों ने टेंट हाउस के मालिक और उसके सहयोगियों पर हत्या की आशंका जताते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। वे चाहते हैं कि पुलिस मामले की गहराई से जांच करे और दोषियों को सख्त सजा दिलाए। सोनू दास की संदिग्ध मौत ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। परिजनों के साथ-साथ ग्रामीणों का भी कहना है कि अगर पुलिस तत्परता से काम करती तो यह घटना रोकी जा सकती थी।

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