लव लाइफ को बर्बाद कर देता है Yap Trapping का खतरनाक डेटिंग ट्रेंड

Yap Trapping एक ऐसा डेटिंग ट्रेंड है जिसमें एक व्यक्ति बातचीत पर पूरी तरह से हावी हो जाता है और सिर्फ अपने बारे में ही बात करता रहता है। वह अपने पिछले रिलेशनशिप की कहानियां सुनाता है, अपने बचपन के दोस्तों के बारे में बताता है, अपनी पसंद-नापसंद गिनाता है और घुमा-फिराकर अपने ही कामों का बखान करता है। सबसे बुरी बात यह है कि वह सामने वाले व्यक्ति को अपनी बात रखने या सवाल पूछने का मौका तक नहीं देता है।
सीधे शब्दों में कहें तो, ‘यैप ट्रैपिंग’ तब होता है जब आपकी डेट या पार्टनर लगातार खुद के बारे में बात करता रहता है और आपको ऐसा महसूस कराता है जैसे आप सिर्फ सुनने के लिए हैं, बातचीक के भागीदार नहीं। धीरे-धीरे यह वन-साइडेड कम्युनिकेशन इतना हावी हो जाता है कि दूसरे व्यक्ति को घुटन महसूस होने लगती है और वह बातचीत को खत्म करना चाहता है, लेकिन शायद अच्छा बने रहने के कारण चाहकर भी ऐसा नहीं कर पाता है।
रिश्ते के लिए खतरनाक है ‘यैप ट्रैपिंग’
‘यैप ट्रैपिंग’ आपके रिश्ते पर कई तरह से बुरा असर डाल सकता है। जी हां, जब एक पार्टनर लगातार बोलता रहता है और दूसरे को बोलने का मौका नहीं देता, तो दूसरा व्यक्ति खुद को कम जरूरी और अनदेखा महसूस कर सकता है। ऐसे में, उन्हें लग सकता है कि उनकी राय या फीलिंग्स की कोई कदर नहीं है।
इसके अलावा एक हेल्दी रिश्ते की नींव आपसी समझ और समान भागीदारी पर टिकी होती है, लेकिन ‘यैप ट्रैपिंग’ रिश्ते को एकतरफा बना देता है, जहां सिर्फ एक व्यक्ति की जरूरतों और विचारों को महत्व दिया जाता है और बातचीत सिर्फ एक दिशा में बहती है, जिससे दो लोगों के बीच इमोशनल कनेक्शन कम होने लगता है। यही वजह है कि खुलकर बातचीत न होने के कारण एक-दूसरे को समझना मुश्किल हो जाता है।
लगातार किसी ऐसे व्यक्ति को सुनना जो सिर्फ अपने बारे में बात कर रहा हो, बहुत बोरिंग और थका देना वाला एहसास होता है। इससे रिश्ते में मोटिवेशन और अट्रैक्शन कम हो जाता है। इसके अलावा जब आप अपनी बातें शेयर नहीं कर पाते हैं, तो गलतफहमी होने की संभावना बढ़ जाती है। आप अपनी जरूरतों, उम्मीदों और भावनाओं को सही ढंग से बयां नहीं कर पाते हैं। इसलिए, लंबे समय तक यैप ट्रैपिंग झेलने के बाद दूसरा पार्टनर घुटन महसूस कर सकता है और रिश्ते को खत्म करने का फैसला ले सकता है।
‘यैप ट्रैपिंग’ के 6 संकेत
आप आसानी से पहचान सकते हैं कि क्या आप ‘यैप ट्रैपिंग’ का शिकार हो रहे हैं। आइए जानें इससे जुड़े 6 संकेत।
आपकी डेट या पार्टनर लगातार खुद के बारे में बात करता रहता है।
आपको अपनी बात रखने के लिए मुश्किल से ही कोई मौका मिलता है।
जब आप बोलने की कोशिश करते हैं, तो आपको अक्सर बीच में टोक दिया जाता है।
आपकी राय या फीलिंग्स में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई जाती।
बातचीत हमेशा उनकी रुचियों और कहानियों के आसपास ही घूमती है।
आप बातचीत के आखिर में थका हुआ और निराश महसूस करते हैं।
अगर आप ‘यैप ट्रैपिंग’ का शिकार हो रहे हैं तो क्या करें?
अगर आपको लगता है कि आप ‘यैप ट्रैपिंग’ का शिकार हो रहे हैं, तो कुछ कदम उठाकर आप इस सिचुएशन को बदल सकते हैं। सबसे पहले तो, जब आपको मौका मिले, तो अपनी रुचियों, विचारों और अनुभवों के बारे में बात करना शुरू करें। बातचीत को अपनी दिशा में मोड़ने की कोशिश करें।अपने पार्टनर को बताएं कि आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि बातचीत एकतरफा हो रही है और आप अपनी बातें शेयर नहीं कर पा रहे हैं। शालीनता से अपनी भावनाओं को व्यक्त करें। इसके अलावा जब आपका पार्टनर बोल रहा हो, तो ध्यान से सुनें और सवाल पूछें। इससे उन्हें लगेगा कि आप उनकी बातों में दिलचस्पी ले रहे हैं और शायद वे भी बदले में आपकी बातों में दिलचस्पी दिखाएं।
अगर आपका पार्टनर लगातार आपको टोकता है या आपकी बात नहीं सुनता है, तो उन्हें बताएं कि यह आपको अच्छा नहीं लग रहा है। वहीं, अगर आपका पार्टनर किसी ऐसे टॉपिक पर लगातार बात कर रहा है जिसमें आपकी रुचि नहीं है, तो स्मार्टनेस से बातचीत का मुद्दा बदलने की कोशिश करें।