लद्दाख प्रशासन ने ‘विच हंट’ के आरोपों पर दिए जवाब

लद्दाख संघ शासित क्षेत्र प्रशासन ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर भड़काऊ बयानबाजी और जनता को उकसाने का आरोप लगाया है। मंगलवार को एक बयान जारी कर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि वांगचुक के खिलाफ कोई विच हंट (चुनकर निशाना बनाना) नहीं चल रहा, बल्कि विश्वसनीय सूचनाओं और दस्तावेजों के आधार पर कानूनी एजेंसियां जांच कर रही हैं। देश में वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर जिस तरह से एक इको सिस्टम सरकार पर सवाल उठा रहा है, उन सभी विषयों को लद्दाख प्रशासन ने स्पष्ट किया है।

लद्दाख प्रशासन के बयान में कहा गया कि हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (एचआईएएल) पर वित्तीय अनियमितताओं और विदेशी मुद्रा उल्लंघनों का मामला जांच के दायरे में है। एचआईएएल बिना मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के रूप में डिग्री जारी कर रहा है और विदेशी फंड्स का खुलासा नहीं किया गया। इसी तरह, एसईसीएमओएल की एफसीआरए रद्दीकरण कई उल्लंघनों पर आधारित है, जिसमें अपील की प्रक्रिया उपलब्ध है।

बयान में कहा गया है कि प्रशासन ने 20 सितंबर, 2025 को लद्दाख के नेताओं से वार्ता की तारीखें घोषित कीं और लचीलापन दिखाया, लेकिन वांगचुक ने उकसावे वाले बयान दिए। उन्होंने नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश का हवाला देकर जनता, खासकर युवाओं को भड़काने की कोशिश की। 11 सितंबर को ‘लद्दाख एक्सप्रेस’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि युवा शांति नहीं चाहते, गांधी का रास्ता जरूरी नहीं, और अगर लोग सड़कों पर उतरे तो ‘बुरा’ हो सकता है।

इसके अलावा, वांगचुक ने कोविड का बहाना बनाते हुए प्रदर्शनकारियों को मास्क, कैप और हुडी पहनने की सलाह दी। उनके यूट्यूब चैनल ‘अचोए निंगस्तम’ पर 8 जून 2025 को उन्होंने ‘अरब स्प्रिंग’ जैसी क्रांति लाकर सरकार उखाड़ फेंकने की बात कही और आत्मदाह जैसे कदमों से उकसाने का जिक्र किया। प्रशासन ने बताया कि अंशान स्थल पर आक्रामक भीड़ को शांत करने के लिए अन्य एबीएल नेता आगे आए, लेकिन वांगचुक ने भूख हड़ताल नहीं रोकी और वार्ता की मांग की।

मेरे पति देशभक्त : डॉक्टर गीताजंलि
सोनम वांगचुक की पत्नी डॉक्टर गीताजंलि जे एंगमो ने कहा कि उनके पति देशभक्त हैं। उन्होंने पाकिस्तान जाकर भी कोई ऐसा काम नहीं किया जिसे देश के खिलाफ माना जाए। वहां जाकर भी उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। वह हमेशा ही भारतीयों और लद्दाखियों के भले के बारे में ही सोचते और काम करते हैं।

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