लखनऊ में छह और चोर पेट्रोल पंपों की डीलरशिप निरस्त


आईओसी कंपनी के चीफ मैनेजर एमके अवस्थी ने बताया कि सभी छह पंपों का डीलर अनुबंध सोमवार को निरस्त कर दिया गया। लखनऊ के साकेत व स्टैंडर्ड फिलिंग स्टेशन पर एसटीएफ ने छापेमारी के दौरान डिवाइस व चिप लगाकर घटतौली पकड़ी थी।
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डीलरशिप खत्म करने के बाद भी इन पंपों का अधिग्रहण कोर्ट में प्रकरण का निस्तारण होने के बाद किया जाएगा। वहीं सत्यम, अलीगंज फिलिंग सेंटर और साहनी पेट्रोल पंप के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर जल्द ही इनका संचालन कंपनी करेगी।
राजधानी में 15 पर पहले ही हो चुकी है कार्रवाई
लखनऊ के सभी 200 पंपों की जांच की गई थी। इनमें 43 पंपों पर टैंपरिंग व घटतौली पकड़ी गई थी। इसके बाद 15 का डीलर अनुबंध समाप्त करते हुए दस का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया।
वहीं बाकी बचे 157 पंपों की पड़ताल के लिए टीमें गठित कर दी गई थीं। बाद में जांच टीमों की रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने 43 डिफाल्टर पंप संचालकों के खिलाफ एसीजेएम-प्रथम कोर्ट में परिवाद दाखिल कर दिया गया है। जबकि सिर्फ घटतौली में फंसे मिले 8 पंपों के खिलाफ डीएम स्तर से जांच लंबित हैं।
झांसी में भी पाई गई थी टैंपरिंग
चीफ मैनेजर ने बताया कि तेल कंपनी की ओर से की गई जांच में झांसी के आईओसी डीलर हाजी संस पंप की मशीनों में टैंपरिंग पकड़ी गई थी। इस पंप की भी डीलरशिप खत्म कर दी गई है।





