लक्ष्मी सिंह चौहान ने मेरठ की अदालत में आत्मसमर्पण किया गबन के आरोप में फरार चल रही थी: यूपी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचारियों को लेकर कड़ा रुख अपना लिया है. फरार पुलिस निरीक्षक और उसकी टीम पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया, जिसके कुछ देर बाद ही लक्ष्मी सिंह चौहान ने मेरठ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया.

एक छापेमारी के दौरान बरामद की गई राशि से 70.2 लाख रुपये के गबन का आरोप लगने के बाद चौहान अपनी टीम के साथ फरार चल रही थी. चौहान के साथ ही उनकी टीम में शामिल छह अन्य पुलिसकर्मियों पर भी 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.

लगभग एक महीने पहले दबोचे गए एटीएम लुटेरों से बरामद करीब डेढ़ करोड़ की रकम में से 70 लाख का गबन करने की आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान को आखिरकार जेल जाना पड़ा. दरअसल, जिले की एंटी करप्शन कोर्ट द्वारा बुधवार को लक्ष्मी चौहान सहित सभी आरोपी छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कुर्की वारंट जारी होने के बाद सभी ने अदालत में सरेंडर की अर्जी डाली थी. जिसके बाद लक्ष्मी चौहान एक कांस्टेबल सहित अदालत में पेश हुई, जहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह पर एसएसपी नोएडा, वैभव कृष्ण द्वारा 25 हजार का इनाम रखा गया था. लक्ष्मी सिंह के साथ सिपाही धीरज भारद्वाज ने मेरठ में एंटी करप्शन की कोर्ट में सरेंडर किया है.

इससे पहले एसएचओ लक्ष्मी सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने लक्ष्मी सिंह समेत सभी आरोपी पुलिस कर्मियों की अग्र‍िम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था.

बैंक एटीएमों पर रुपये भरने का काम देख रही सीएमएस इन्फो-सिस्टम कंपनी पर छापा मारने के बाद अक्टूबर में चौहान को निलंबित कर दिया गया था.

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