रोज काम के बाद मीटिंग रख देता था बॉस, कर्मी हुआ परेशान, सिखाया ऐसा सबक, सभी ने अपनाया वही रास्ता!

अधिकांश कर्मचारी दिन भर की मेहनत के बाद समय पर घर जाना चाहते हैं लेकिन जब एक कंपनी का मैनेजर हर दिन शाम 5 बजे- यानी ऑफिस खत्म होने के वक्त- मीटिंग रखने लगा, तो एक कर्मचारी ने ऐसा कदम उठाया कि बाकी टीम को भी राहत मिल गई. यह घटना अमेरिका की एक कंपनी की है जहां एक व्यक्ति ने नई नौकरी जॉइन की. कंपनी में सिर्फ 10 लोगों की छोटी टीम थी. पहले ही दिन उसे पता चला कि रोज़ शाम 4:55 बजे सभी को कंप्यूटर बंद करके मीटिंग रूम में जाना होता है, जबकि काम का समय 5 बजे खत्म हो जाता है.

असली हैरानी की बात तब सामने आई जब उस व्यक्ति को पहली तनख्वाह मिली. उसने देखा कि वह केवल 80 घंटे के लिए ही भुगतान पा रहा है, जबकि हर हफ्ते लगभग 2.5 घंटे अतिरिक्त मीटिंग में शामिल हो रहा था. उसने जब टीम के अन्य साथियों से पूछा, तो सबने कहा कि उन्हें भी उन अतिरिक्त मीटिंग्स का कोई भुगतान नहीं मिलता. कर्मचारी ने अपनी कहानी Reddit के प्रसिद्ध ‘Petty Revenge’ फोरम पर साझा की. उसने लिखा: “शिफ्ट खत्म होने के बाद जब मैनेजर ने फिर से 4:55 बजे मीटिंग के लिए बुलाया, तो मैं मीटिंग रूम में बैठ गया. जैसे ही घड़ी में 5:00 बजे, मैंने उठकर कहा कि मुझे एक जरूरी काम पर जाना है. सबकी निगाहें मुझ पर थीं, मैनेजर ने बस ‘ओके’ कहा और मैं चला गया.”

कर्मचारी ने यूं सिखाया बॉस को सबक
अगले दिन भी उसने यही किया, और इसके बाद भी कई दिनों तक ऐसा ही होता रहा. मैनेजर ने कोई विरोध नहीं किया. बस एक बार पूछा कि क्यों जा रहे हो, तो कर्मचारी ने जवाब दिया- “पर्सनल मैटर है.” धीरे-धीरे बाकी कर्मचारी भी उसी की तरह 5 बजे के बाद मीटिंग में रुकना बंद करने लगे. कुछ ही दिनों में पूरी टीम ने 5 बजे ऑफिस छोड़ना शुरू कर दिया. इससे मजबूर होकर मैनेजर ने मीटिंग का समय 4:40 बजे कर दिया, ताकि वह ऑफिस टाइम के अंदर हो.

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