रोजाना छह घंटे करता था मोबाइल पर बात, हो गई मौत

mobileradiation_27_05_2016लंदन। मोबाइल फोन पर बात करना एक शख्‍स की जान का दुश्‍मन बन गया। मोबाइल फोन के बहुत ज्‍यादा इस्‍तेमाल ने ब्रिटेन के 44 साल के इयान फ‍िलिप की जान ले ली। हेल्‍थ एग्जिक्‍युटिव इयान रोज अपने ब्‍लैकबेरी फोन पर लगातार छह घंटे बात करता था। घंटों कॉन्‍फ्रेंसिंग में रहना उसके काम का हिस्‍सा था। सात साल पहले इयान को सिरदर्द की शिकायत शुरू हुई। लेकिन कुछ समय पहले ऐसा तीखा सिरदर्द हुआ कि उसकी आंखों के आगे अंधेरा छा गया। वेल्‍स के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में उसे आधी रात भर्ती होना पड़ा जहां एमआरआई मशीन में ब्रेन स्‍केन किया गया तो पता चला कि उन्‍हें ब्रेन में नीबू की साइज का ट्यूमर है।

इयान का इमर्जेंसी ऑपरेशन करना पड़ा। 9 घंटे चले इस ऑपरेशन के बाद भी ट्यूमर को पूरी तरह नहीं निकाला जा सका। इयान को यह खबर थी कि अब उसकी जिंदगी बहुत कम बची है। तब उन्‍होंने लोगों को भी मोबाइल फोन के खतरों के बारे में जागरूक करना शुरू किया। इयान रग्‍बी खिलाड़ी भी रह चुके हैं। इस मिशन में फुटबॉल प्‍लेयर ऐरन राम्‍जी और वेल्‍स के रग्‍बी खिलाड़ी जॉनथन डेविस और रीस प्रीस्‍टलैंड का भी सपोर्ट पाया।

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इस बीच इयान ने मोबाइल को कान से दूर रखने के लिए एक सुनहरे रंग का फोन रिसीवर भी खरीदा। इस ट्यूमर के कारण इयान को अपनी अच्‍छी खासी करीब एक करोड़ रुपए सालाना की नौकरी भी छोड़नी पड़ी। हालांकि इसमें कोई शक नहीं कि इस आकर्षक नौकरी ने इयान को एक जानलेवा बीमारी दे ही दी।

 

यूं तो वैज्ञानिक रूप से अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि मोबाइल के उपयोग और ट्यूमर या कैंसर के बीच कोई संबंध है। शोधकर्ताओं के मुताबिक करीब 3 दशक में कैंसर के मामले बढ़ने की कोई रिपोर्ट नहीं है जबकि तीन दशकों से मोबाइल का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ा है।

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