रेत की पेट में पलता है ये ‘खजाना’, ढूंढने वाला बन जाता है करोड़पति

सऊदी अरब के रेगिस्तानी इलाकों में हर साल एक चमत्कार होता है, जो प्रकृति और धन-दौलत का अनोखा मेल है. यह है फग’आ मशरूम, जिसे वैज्ञानिक भाषा में टरफेजिया (Terfeziaceae) कहते हैं. यह रेगिस्तानी मशरूम न केवल स्वाद में लाजवाब है बल्कि इसकी कीमत इतनी ज्यादा है कि यह खोजने वालों को रातोंरात करोड़पति बना देता है. जनवरी के अंत से मार्च की शुरुआत तक चलने वाले इस मशरूम सीजन में सऊदी के बाजार ताजा फग’आ से गुलजार हो जाता है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने इस मशरूम की खोज को और चर्चा में ला दिया है.

इंस्टाग्राम पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सऊदी के रेगिस्तान में लोग रेत के नीचे फग’आ मशरूम की तलाश करते दिख रहे हैं. यह मशरूम, जो आलू जैसा दिखता है, रेत के नीचे छिपा होता है और इसे ढूंढना किसी खजाने की खोज से कम नहीं है. एक यूजर ने लिखा, “बिजली कड़कने और बारिश के बाद यह रेगिस्तान में उगता है.” फग’आ की कीमत 500 से 2000 सऊदी रियाल (लगभग 11,000 से 44,000 रुपये) प्रति किलो तक होती है. कुछ दुर्लभ किस्में अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपये प्रति किलो बिकती हैं. एक अन्य यूजर ने मजाक में टिप्पणी की, “यह मशरूम नहीं, सऊदी का सोना है!”

फग’आ मशरूम की खासियत यह है कि यह केवल रक़रूक (raqrooq) या सनरोज पौधे के आसपास उगता है. सऊदी के उत्तरी इलाकों, जैसे अरार और हफ्र अल-बातिन में यह खूब पाया जाता है. विशेषज्ञ फैसल अल-हजनी के अनुसार, मशरूम सीजन 25 जनवरी से शुरू होकर 10 मार्च तक चलता है. इस दौरान भारी बारिश और नमी के कारण रेत में यह मशरूम उगता है. स्थानीय लोग मानते हैं कि बिजली की चमक और बारिश इसकी पैदावार को बढ़ाती है. हालांकि वैज्ञानिक इसे नमी और मिट्टी की स्थिति से जोड़ते हैं. यह मशरूम सऊदी के अलावा इराक, सीरिया, अल्जीरिया, लीबिया और मॉरिटानिया के रेगिस्तानों में भी मिलता है.

स्वाद में बेजोड़
फग’आ न केवल स्वाद में अनोखा है बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी कमाल के हैं. पैगंबर मुहम्मद (PBUH) ने इसे आंखों की बीमारियों के लिए फायदेमंद बताया था. इसमें पौधों से मिलने वाला प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, जो इसे शाकाहारियों और वीगन लोगों के बीच पसंदीदा बनाता है. सऊदी के पारंपरिक व्यंजनों, जैसे कब्सा और सूप में इसका इस्तेमाल खूब होता है. एक यूजर ने लिखा, “फग’आ का स्वाद ऐसा है कि एक बार खाओ, तो भूल नहीं पाओ!” लेकिन इसकी दुर्लभता और मुश्किल खोज इसे बेहद महंगा बनाती है.

शौक से खरीदते हैं शेख
2018 में अल-जौफ के एक व्यक्ति ने 50 किलो फग’आ इकट्ठा कर लाखों रुपये कमाए थे, जिसके बाद इस मशरूम को “करोड़पति बनाने वाली फसल” कहा जाने लगा. सऊदी के लोग इसे खजाने की तरह तलाशते हैं और बाजारों में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. लेकिन इसकी बढ़ती लोकप्रियता ने अवैध संग्रह की समस्या भी खड़ी कर दी है, जो पर्यावरण के लिए खतरा बन सकता है. सऊदी सरकार के Vision 2030 के तहत, फग’आ जैसे प्राकृतिक संसाधनों को पर्यटन और अर्थव्यवस्था से जोड़ने की कोशिश हो रही है. कुछ लोग इसे रेगिस्तानी टूरिज्म का हिस्सा बनाना चाहते हैं, जहां पर्यटक मशरूम की खोज का अनुभव ले सकें.

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