रूस-यूक्रेन में वार्ता में शांति पर कोई चर्चा नहीं, कैदियों की अदलाबदली पर बनी सहमति

रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल की बैठक तुर्किये के इस्तांबुल शहर में भारतीय समयानुसार बुधवार देर रात शुरू हुई और उसमें युद्धबंदियों की अदलाबदली पर सहमति बनी।

सहमति का रास्ता तलाशने को दोनों देशों में तीसरी बार वार्ता
यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने युद्धविराम के लिए तैयार होने की बात कही लेकिन रूस की शर्तों के कारण उस पर सहमति नहीं बन पाई और वार्ता एक घंटे से भी कम समय में खत्म हो गई।

दोनों देशों के प्रतिनिधि हाल के महीनों में तीसरी बार मिले थे। लेकिन उनके बीच बुधवार की बैठक सात सप्ताह के बाद हुई। यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस धमकी के बाद हुई जिसमें उन्होंने सितंबर में रूस पर और ज्यादा कड़े प्रतिबंध लगाने की बात कही है।

यूक्रेन को हथियार देगा अमेरिका
यूक्रेन भी उस स्थिति में वार्ता की टेबिल पर आया जब ट्रंप ने अपने कार्यकाल के छह महीने बाद हथियार देने की बात इस शर्त पर मानी है कि अमेरिका हर खेप का पूरा मूल्य वसूल करेगा। यह मूल्य यूक्रेन के यूरोपीय सहयोगी देश चुकाएंगे। ये वही देश हैं जो 2022 में अमेरिका की अगुआई में युद्ध में यूक्रेन की मदद के लिए तैयार हुए थे।

रूस और यूक्रेन तीसरी वार्ता के लिए तैयार
रूस और यूक्रेन महज चंद रोज में ही तीसरी दौर की वार्ता के लिए तैयार हुए हैं, साथ ही यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बदले अंदाज में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सीधी वार्ता की इच्छा जताई है।

रूस और यूक्रेन की इस्तांबुल में हुई पिछले दो दौर की वार्ता में भी युद्धबंदियों की अदलाबदली पर सहमति बनी थी और उस पर कार्य हुआ। दोनों ही दौर की वार्ता में यूक्रेन ने रूस की युद्धविराम के लिए रखी शर्तों को नहीं माना था।

यूक्रेन से रूस यह चाहता है
रूस चाहता है कि यूक्रेन अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो में शामिल होने की अपनी इच्छा का त्याग करे। साथ ही क्रीमिया सहित कब्जे में लिए गए यूक्रेनी हिस्सों पर रूस के अधिकार को मान्यता दी जाए।

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