रूस पर नई सख्ती की तैयारी, अमेरिका-यूरोप साथ मिलकर बना रहे योजना

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने के लिए एक बार फिर प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके लिए सोमवार को यूरोपीय संघ के प्रतिबंध दूत डेविड ओ सुलिवन की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी वित्त मंत्रालय से मुलाकात करेगा। बैठक में रूस पर नए आर्थिक प्रतिबंधों पर चर्चा होगी। ऐसे में ये सवाल खड़ा हो रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन अब क्या कदम उठाने वाले हैं?
रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से ज्यादा समय से चल रहा संघर्ष दिन-प्रतिदिन और भयावह रूप लेता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में अब अमेरिका और यूरोपीय देश इस संघर्ष को खत्म करने की योजना तैयार कर रहे हैं। इसके लिए यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को अमेरिकी वित्त मंत्रालय से मुलाकात करेगा। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस टीम का नेतृत्व यूरोपीय संघ के प्रतिबंध दूत डेविड ओ सुलिवन कर रहे हैं। बैठक में रूस पर नए आर्थिक प्रतिबंधों और अन्य दबावों पर चर्चा होनी है।
ट्रंप नाराज, समझिए क्या है कारण?
इस संघर्ष को जल्द खत्म करने के दावे को लेकर बैठे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन युद्ध को 3.5 साल बाद भी खत्म न कर पाने से नाराज दिख रहे हैं। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच सीधी बातचीत करवाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इन प्रयासों के तहत पहले तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने पुतिन से पिछले महीने अलास्का में एक शिखर बैठक की थी, हालांकि इसके बाद भी रूस ने पश्चिमी यूक्रेन में एक अमेरिकी फैक्ट्री पर ड्रोन और मिसाइल हमला कर दिया। ऐसे में सोमवार को होने वाली बैठक पर सभी की नजरें हैं।
संघर्ष खत्म करने के लिए अमेरिका और यूरोप की नई रणनीति
बता दें कि इस बैठक में व्हाइट हाउस, विदेश विभाग और यूएस ट्रेड प्रतिनिधि के अधिकारी भी शामिल होंगे। यूरोपीय प्रतिनिधि मंडल में ऊर्जा, वित्तीय सेवा, व्यापार और प्रतिबंधों से जुड़े अधिकारी शामिल हैं। ट्रंप ने हाल ही में यूरोपीय देशों से रूसी तेल की खरीद बंद करने को कहा है, जिससे रूस की जंग को फंडिंग मिल रही है। ट्रंप ने कहा कि यूरोप ने एक साल में रूस से 1.1 बिलियन यूरो का तेल खरीदा, जो गलत है। ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन पर भी आर्थिक दबाव बनाना जरूरी है, क्योंकि वह परोक्ष रूप से रूस की मदद कर रहा है।
यूरोपीय शांति सेना की तैयारी
इस बीच, यूरोपीय देशों ने अलग से बैठक कर यूक्रेन में शांति सेना भेजने पर विचार किया है। लेकिन रूस ने चेतावनी दी है कि अगर विदेशी सैनिक यूक्रेन में तैनात हुए तो उन्हें रूस अपनी तरफ से वैध निशाना मानेगा। गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। अमेरिका और यूरोप मिलकर रूस पर दबाव बढ़ाने की रणनीति बना रहे हैं, जबकि ट्रंप की नाराजगी और असफल डिप्लोमैसी पर अब सख्त रुख अपनाने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे मे ंसवाल खड़े हो रहे है कि आखिर अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन क्या कदम उठाने वाले हैं?