रुहेलखंड विश्वविद्यालय: 94 मेधावियों को मिले मेडल, 113 शोधार्थियों को उपाधि

बरेली के रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह में बृहस्पतिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 94 मेधावियों को स्वर्ण पदक और 113 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। आधे घंटे के संबोधन में राज्यपाल ने शोध पर जोर दिया। हाथों में पदक, कंधों पर नीला व लाल पटका और आंखों में सफलता की चमक लिए मेधावी आसमान छूने को बेताब दिखे। वंदे मातरम से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। शोभायात्रा के साथ कार्य परिषद व विद्या परिषद के सदस्य और राज्यपाल अटल सभागार में पहुंचीं। वहां सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया।

कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि रुहेलखंड विवि ब्लॉक चेन सिस्टम से विद्यार्थियों की डिग्री, मार्कशीट एवं अन्य शैक्षणिक दस्तावेज जारी करने वाला प्रदेश का पहला आवासीय विश्वविद्यालय है। इस वर्ष रुविवि की एशिया रैंकिंग 908वीं व दक्षिण एशिया में 297वीं रही है।

राज्यपाल ने डिजिलॉकर पर ऑनलाइन प्रमाणपत्र जारी किए। इसके बाद मेधावियों को मेडल और शोधार्थियों को उपाधि देकर शपथ दिलाई गई। झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
आईआईटी कानपुर के प्रो. विनोद कुमार को डीएससी (डॉक्टर ऑफ साइंस) और पश्चिम बंगाल की डॉ. इतु उपाध्याय को डीलिट (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) की उपाधि ऑनलाइन प्रदान की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आईआईटी रोपड़ पंजाब के निदेशक राजीव अहूजा, विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी मौजूद रहीं।
स्पोर्ट्स कंपेनियन पत्रिका का विमोचन
समारोह के दौरान विवि की वार्षिक पुस्तक और तीन साल की उपलब्धियों के साथ स्पोर्ट्स कंपेनियन पत्रिका का विमोचन हुआ। गोद लिए गांवों के विद्यालयों में आयोजित चित्रकला, भाषण व कहानी कथन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। बरेली व बदायूं के 500 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को किट वितरित की गई। राज्यपाल ने विवि के पुरुष छात्रावास में बने बहुद्देशीय स्टेडियम का ऑनलाइन लोकार्पण किया।
बरेली व बदायूं के जिलाधिकारी व बरेली की सीडीओ को मेडिकल किट व पुस्तकें भेंट कीं। मुझे चुनौतियां पसंद हैं, हमारा राजभवन, आंगनबाड़ी मेरी आत्मा है जैसी राज्यपाल की स्वरचित पुस्तकें भी अधिकारियों को दी गईं। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कुलाधिपति ने दोपहर 2:15 बजे कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

पांच साल से लगातार बेटियों का दबदबा बरकरार
बेटियों ने लगातार पांचवें साल अपना दबदबा बरकरार रखा। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह में बृहस्पतिवार को 94 में से 70 स्वर्ण पदक झटककर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। बीते पांच साल में कुल 441 मेधावियों को पदक मिले हैं। इनमें 331 छात्राएं और सिर्फ 110 छात्र शामिल हैं। ये आंकड़े शिक्षा के प्रति छात्राओं के समर्पण को साबित करे हैं।
पदक से मिली प्रेरणा
माइक्रोबायोलॉजी में हो रहे नए शोधों से मैं बहुत प्रभावित हूं। आगे उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में कार्य करना चाहता हूं। – विशेक कुमार, एमएससी (माइक्रोबायोलॉजी)
हमारी उपलब्धि परिवार के सहयोग का परिणाम है। साहित्य हमें समाज को समझने की दृष्टि देता है और मैं शिक्षा के क्षेत्र में जाना चाहती हूं। – ऐश्वर्या प्रभा, एमए (अंग्रेजी)
समाज में कानूनी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम करेंगे। विधि के क्षेत्र में ही अपना कॅरिअर बनाएंगे। – अनुराग शर्मा, एलएलबी
आज मिला मेडल हमें कानूनी प्रणाली में सुधार और शोध करने के लिए प्रेरित करेगा। विधि के क्षेत्र में ही काम करूंगा। – आशुतोष तिवारी, एलएलएम
बैंकिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए दाखिला लिया था। पढ़ाई की, अब स्वर्ण पदक हासिल कर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। – प्रतिमा दास गुप्ता, एमबीए
शुरुआत से शिक्षक बनने का सपना देखा है। राज्यपाल के हाथों सम्मानित होना मेरे लिए कभी न भुलाया जाने वाला पल है। – शिल्पी सिंह, बीएलएड
स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए काफी मेहनत की। राज्यपाल के हाथों पदक मिलने के बाद पढ़ाई के प्रति और उत्साह बढ़ा है। – मंतशा, बीकॉम
विज्ञान में शुरू से ही रुचि होने के कारण भौतिक विज्ञान चुना। मेहनत से की गई पढ़ाई के कारण परीक्षा में अच्छे नंबर हासिल कर पाई। – जयंती, एमएससी (भौतिक विज्ञान)
आगे चलकर एनिमल साइंस के क्षेत्र में शोध करना चाहती हूं। जानवरों से प्रेम है, उनकी सेवा भी करना चाहती हूं। – हुदा खान, एमएससी (एनिमल साइंस)
मन लगाकर पढ़ाई की और स्वर्ण पदक हासिल किया है। एमएससी में भी इसी तरह का सम्मान मिले, इसके लिए हरसंभव प्रयास करूंगा। – रुद्रांश त्रिवेदी, बीएससी





