वैसे तो कई रिश्ते हैं लेकिन पिता और बेटे का रिश्ता बेहद खास होता है। पिता हमारे लिए कभी एक दोस्त तो कभी एक मेंटर की भूमिका निभाते हैं। कभी फिल्मी पिता की तरह हमारी गलतियों को नजरअंदाज करते हैं तो कभी-कभी सख्त पिता की तरह छोटे-बड़े काम को मना भी कर देते हैं। 16 जून को दुनियाभर में फदर्स डे मनाया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं फिल्मी पर्दे के ऐसे 5 फेमस डायलॉग्स जिन्होंने हर युवा के दिल पर दस्तक दी है।
‘जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी’
साल 1995 में बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने वाली ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ में काजोल के पिता बने अमरीश पुरी पर फिल्माया गया एक डायलॉग, ‘जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी’ उस समय लोगों की जुबान पर चढ़ गया था। फिल्म के इस डायलॉग ने खूब सुर्खियां बटोंरी थीं। इतना ही नहीं आज भी लोग एक दूसरे को बातों ही बातों में कई बार ये डायलॉग मार देते हैं।
‘एग्जाम बहुत होते हैं, बाप मोस्टली एक ही होता है’
फिल्म ‘3 इडियट्स’ में शरमन जोशी के पिता को बीमार दिखाया गया था। एग्जाम के टाइम पर पिता की तबीयत खराब होने के बाद दोस्त जो उन्हें डायलॉग मारकर नसीहत देते हैं, वो आज भी लोगों को याद है। आमिर खान शरमन को बोलते हैं, ‘एग्जाम बहुत होते हैं, बाप मोस्टली एक ही होता है।’
‘रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह’
साल 1988 में आई फिल्म शहंशाह का एक डायलॉग है ‘रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह’, बहुत फेमस हुआ था। अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया ये डायलॉग आज भी कई बार पापा अपने बच्चों से बात करते समय उन्हें बोलते हुए नजर आ ही जाते हैं।
‘मैं मरूंगा तो बुलेट से मरूंगा, बीपी या शूगर से नहीं’
अमिताभ बच्चन की फिल्म बुढ्ढा होगा तेरा बाप साल 2011 में आई थी। इस फिल्म में उनके साथ एक्टर सोनू सूद और प्रकाश राज जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में थे। ये डायलॉग अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था। इस फिल्म का निर्देशन पुरी जगन्नाध ने किया था।
‘अगर हमारे बेटा को कुछ हो जाता तो इतना गोली मारते कि आपका ड्राइवर भी खाली खोका बेच बेच कर रईस हो जाता।’
ये मशहूर डायलॉग मनोज वाजपेयी की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर 1 का है। फिल्म में सरदार खान का किरदार निभाने वाले मनोज वाजपेयी ये डायलॉग उस समय बोलते हैं जब रामाधीर सिंह ( तिग्मांशु धूलिया) को धमकी दे रहे होते हैं। फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर 1 साल 2012 में आई थी। इस फिल्म का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया था।