रिकॉर्ड तोड़ 1009 रन बनाने वाले धनावड़े ने लौटा दी अपनी स्कॉलरशिप, वजह जानकर आप भी करेंगे नाज

स्कूल लेवल पर एक क्रिकेट मैच में सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1,009* रन बनाने वाले मुंबई के प्रणव धनावड़े ने मिल रही स्कॉलरशिप को बंद करने की गुजारिश की है। दरअसल, इसका कारण यह है कि वो अब पहले की तरह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वो स्कॉलरशिप के पैसे नहीं लेना चाहते।

रिकॉर्ड तोड़ 1009 रन बनाने वाले धनावड़े ने लौटा दी अपनी स्कॉलरिकॉर्ड तोड़ 1009 रन बनाने वाले धनावड़े ने लौटा दी अपनी स्कॉलरशिप, वजह जानकर आप भी करेंगे नाज रशिप, वजह जानकर आप भी करेंगे नाज गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी में 16 साल के धनावड़े ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था। भंडारी ट्रॉफी के तहत इंटर स्कूल अंडर-16 में केसी गांधी की ओर से खेलते हुए उन्होंने आर्य गुरुकुल के खिलाफ धमाकेदार पारी खेली थी। इसके बाद वे हाईलाइट में आए थे। 

बता दें कि प्रणव के पिता पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं और इस पारी के बाद उन्हें आर्थिक मदद देने के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने स्कॉलरशिप दी थी। इसके तहत उन्होंने अगले पांच साल तक हर महीने 10 हजार रुपए मिलना तय हुआ था, लेकिन उसके बाद वह कोई कमाल नहीं कर पाए।

यहां तक की प्रणव मुंबई की अंडर-19 टीम में भी जगह नहीं बना पाए। उनके पिता प्रशांत धनावड़े और कोच मोबिन शेख ने माना कि लोकल लेवल पर भी वह अच्छे स्कोर नहीं कर पा रहा है। हालांकि, कल्याण में उसे उस हिसाब की ट्रेनिंग नहीं मिल पाई। इसी के बाद धनावड़े के पिता ने MCA को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि तत्तकाल प्रभाव से स्कॉलरशिप बंद कर दी जाए।

स्कॉलरशिप लौटाने का फैसला प्रणव और कोच ने मिलकर लिया है। कोच का कहना है कि प्रणव उस धमाकेदार पारी के बाद अच्छे से खेल नहीं पा रहा है। वह दबाव महसूस कर रहा है। मालूम हो कि धनावड़े ने 395 मिनट तक चली अपनी इस पारी में 129 चौके और 59 छक्के जमाए।

उनकी इस ऐतिहासिक पारी का अंत तब हुआ जब उनकी टीम ने तीन विकेट पर 1495 के स्कोर पर पारी समाप्त घोषित की। यह भी विश्व रिकॉर्ड है। धनावड़े की स्कूल ने विक्टोरिया के न्यूसाउथ वेल्स के खिलाफ 1926 में बनाए गए 1107 रन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा।

धनावड़े के नाम पर अब भी किसी तरह की क्रिकेट में एक पारी में सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने ब्रिटेन के एईजे कोलिन्स का क्लार्क हाउस के खिलाफ नार्थ टाउन में 1899 में बनाए गए नाबाद 628 रन के रिकॉर्ड को भी तोड़ा था।

 

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