OMG!! राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जान को खतरा; इस्लामिक धर्मगुरु गिरफ्तार

OMG!! राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जान को खतरा; इस्लामिक धर्मगुरु गिरफ्तार…. PREISIDENT प्रणब मुखर्जी की सुरक्षा में बड़ी सेंध हुई है। अगर पुलिस चौंकन्नी ना होती तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी। शनिवार की रात गश्त लगा रही पुलिस को सूचना मिली कि एक आदमी प्रेजिडेंट स्टेट के बॉडीगार्ड लाइन्स में एक पत्थर की दीवार को फांदने की कोशिश कर रहा है। किसी आतंकी गतिविधि की आशंका से पुलिस ने तुरंत एक टीम तैयार की और जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। आखिरकार पुलिस ने सफेद दाढ़ी वाले गाज़ी नूरल हसन को पकड़ लिया, जिसे पूछताछ के लिए चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

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शनिवार की रात गश्त लगा रही पुलिस को सूचना मिली कि एक आदमी प्रेजिडेंट स्टेट के बॉडीगार्ड लाइन्स में एक पत्थर की दीवार को फांदने की कोशिश कर रहा है। किसी आतंकी गतिविधि की आशंका से पुलिस ने तुरंत एक टीम तैयार की और जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। आखिरकार पुलिस ने सफेद दाढ़ी वाले गाज़ी नूरल हसन को पकड़ लिया, जिसे पूछताछ के लिए चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
इन्वेस्टिगेटर्स ने जब 68 साल के इस आदमी से पूछताछ की तो वे ये जानकर हैरान रह गए कि वह पिछले 40 सालों से प्रेजिडेंट स्टेट के तुगलक काल के स्मारकों के नीचे एक मैली से गुफा में रहता है, जिसे उसने खुद खोदा था। 
हसन वहां अपने 22 साल के बेटे मोहम्मद नूर के साथ रहता है। पिछले 20 साल से उसके पास वोटर आईडी, पासपोर्ट, वैध इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन है। इन सभी डॉक्युमेंट्स में पता मज़ार का लिखा हुआ था। हसन का कहना है कि इस सब का कार्यवाहक वही था।
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अपनी पिछली जिंदगी के बारे में पूछने पर हसन ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह धार्मिक गुरु और उर्दू लेखक था और बाद में वह प्रजिडेंट स्टेट में शिफ्ट हो गया । पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने हसन को धार्मिक गुरु के तौर पर नियुक्त किया था।
 
हसन ने राष्ट्रपति के आग्रह पर कई परिवारों को उर्दू सिखाई। एक बार कुछ जड़ी-बूटियों की खोज करते हुए वह मज़ार तक आ गया। हसन ने बताया कि तब मैंने वहां पर खुदाई करने का और रहने लायक जगह बनाने का फैसला लिया । दीवार फांदने की बात पर हसन ने कहा, ‘पहले मैं बॉडीगार्ड लाइन के गेट से होते हुए ही अंदर जाता था। पर अब वह गेट बंद कर दिया जाता है और उसके बाद दीवार फांद के जाने के अलावा और कोई चारा ही नहीं।’
 
 
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