राष्ट्रपति कोविंद ने कल्याण सिंह के आचार संहिता उल्लंघन का मामला गृहमंत्रालय को भेजा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के आचार संहिता उल्लंघन के मामले को गृहमंत्रालय को भेज दिया है। राष्ट्रपति ने गृहमंत्रालय को इस मामले में कानूनी सलाह लेकर उचित कदम उठाने की सलाह दी है। हालांकि गृहमंत्रालय ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति की ओर से उठाया गया यह कदम कल्याण सिंह के लिए संकट का संकेत है। गृहमंत्रालय जल्द ही इस मसले पर कोई कदम उठा सकता है।
दो दिन पहले चुनाव आयोग ने इस मामले की रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी थी। आयोग ने लिखा है कि उनकी जांच में यह साफ हो गया है कि कल्याण सिंह ने राज्यपाल के संवैधानिक पद पर रहते हुए चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। राष्ट्रपति ने चिलि की यात्रा से लौटने के तुरंत बाद ही बृहस्पतिवार को अपनी राय गृहमंत्रालय को भेज दी है। कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुकेहैं।
देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य के राज्यपाल ने आचार संहिता का उल्लंघन किया हो। इससे पहले 90 केदशक में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल गुलशेर अहमद ने संवैधानिक पद पर रहते हुए मध्यप्रदेश में अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार किया था। चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई और इससे पहले कि जांच की कार्रवाई होती
उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार को इंतजार है कि कल्याण सिंह नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दें। आचार संहिता के मुताबिक संवैधानिक पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति चुनाव प्रचार जैसी गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकता। कल्याण सिंह ने अलीगढ़ में भाजपा कायकर्ताओं के बीच कहा था कि हम सभी भाजपा केकार्यकर्ता हैं। लिहाजा हम चाहेंगे कि भाजपा फिर जीत कर आए। कल्याण सिंह ने यह भी कहा कि सब चाहेंगे कि मोदी फिर से देश केप्रधानमंत्री बनें। मोदी की फिर से प्रधानमंत्री बनना देश और समाज के लिए आवश्यक है।
विपक्षी दलों की शिकायत पर चुनाव आयोग ने इसकी जांच अलीगढ़ केडीएम से करवाई। डीएम ने अपनी रिपोर्ट में माना कि राज्यपाल कल्याण सिंह ने खुलेआम यह बातें कहीं थी जो टीवी कैमरे में रिकार्ड भी हुआ है।